जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
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झारखंड में मानव तस्करी और पलायन बड़ी समस्या
रांची: कैंपेन फॉर राइट टू एजुकेशन इन झारखंड और चाइल्ड रिलीफ एंड यू द्वारा झारखंड में बाल तस्करी की रोकथाम विषय पर राज्यस्तरीय परामर्श का आयोजन एसडीसी में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सीआइडी आइजी संपत मीणा ने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों का पलायन और ट्रैफिंकिंग बड़ी समस्या है़. इससे बचने के लिए जागरूकता जरूरी है़ रोजगार के लिए गांव से बाहर जाने वालों का...
More »लड़कियों को बचाने वाले पिता को सलाम- क्षमा शर्मा
सत्तरह साल की वह किशोरी पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले में रहती थी। उसने दसवीं का इम्तिहान दिया था। उसकी दोस्ती एक लड़के से थी। एक दिन जब वह स्कूल से बैंक जा रही थी, रास्ते में उसे वही लड़का मिला। वह उसे अपने साथ ले गया। जब वे रेलवे स्टेशन पहुंचे, तो लड़की को कुछ शक हुआ। उसने भागना चाहा, मगर लड़के ने उसे जबर्दस्ती एक गाड़ी में अपने साथ...
More »आठ फीसदी स्कूलों में ही शिक्षा का अधिकार- पुष्यमित्र
दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ते वक्त आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया था कि दिल्ली में इस वक्त महज 2674 स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें राज्य के तकरीबन 24 लाख बच्चे पढ़ते हैं. वे अगर सरकार बनाते हैं तो कम से कम 500 स्कूल और खोलेंगे. आम आदमी पार्टी में आम तौर पर प्रबुद्ध, समाजसेवी और शिक्षा से जुड़े लोगों का प्रभाव माना जाता है, मगर फिर...
More »गांवों के विकास पर अरबों का सालाना खर्च- आर के नीरद
मित्रों, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, ग्रामीण विकास पर सब का जोर है. गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है, यह सभी जानते हैं. देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, यह सच भी सब को पता है. जाहिर है कि विकास के सवाल पर जब भी बात होगी, गांव उसका सबसे बड़ा विषय होगा. आजादी से अब तक गांवों के विकास के लिए सरकार ने अनेक...
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