एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....
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झारखंड: रोजगार सृजन के जरिये पलायन रोकना सबसे बड़ी चुनौती
प्रकृति ने झारखंड को भरपूर सौंदर्य और संपत्ति का उपहार दिया है. निवासियों की सांस्कृतिक विविधता इस राज्य को अप्रतिम बनाती है. उर्वर धरती, नदी और वन से मालामाल झारखंड के पास देश की 40 फीसदी खनिज संपदा का स्वामित्व है, पर मूल्य के आधार पर पूरे देश के खनिज उत्पादन का 10 फीसदी ही राज्य के हिस्से में है. धनी राज्य की जनता गरीब है. वर्ष 2000 में बिहार...
More »नोटबंदी के साइड इफेक्टस् : सबसे ज्यादा चोट किसपर ?
विमुद्रीकरण से मची अफरा-तफरी के बीच क्या देश इस हालत में है कि रोजमर्रा की चीजों की खरीद के लिए सरकारी घोषणाओं के मुताबिक बैंकों और एटीएम से नगदी जुटा सके ? सरकारी घोषणाओं में देशवासियों से कहा गया है कि वे नगदी की तात्कालिक कमी से होने वाली असुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक वैलेट का इस्तेमाल करें. लेकिन क्या देश कैशलेस इकॉनॉमी की तरफ कदम...
More »बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल
देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब...
More »साल भर में 40% बढ़े किसानों की खुदकुशी के मामले, कर्नाटक ने चौंकाया
देश में 2014 और 2015 में किसानों की खुदकुशी के मामले में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2014 में 5650 और 2015 में 8000 से अधिक मामले सामने आए। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी के मामले सबसे अधिक हैं, यहां कमी नहीं आ रही है। 2014 से 2015 के बीच राज्य में...
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