चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »गन्नौर में 830 करोड़ से बनेगी फल मंडी
चंडीगढ़,: सोनीपत जिले के गन्नौर में 830 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 537 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में एक अन्तरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी मार्केट विकसित की जाएगी। हरियाणा ऐसी मार्केट वाला देश का पहला राज्य होगा। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड तथा सैमारिस ग्रेसार्ड कन्सल्टेट्स, फ्रांस के बीच बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उपस्थिति में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हरियाणा राज्य कृषि...
More »दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
More »ब्याज चुकाने के लिए भी पंजाब को चाहिए कर्ज
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कभी विकास की दौड़ में सबसे अव्वल रहने वाला पंजाब आज कर्ज के तले बुरी तरह दब गया है। इस समय राज्य पर लगभग 65 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है। हालत यह है कि राज्य सरकार को कर्ज का ब्याज अदा करने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। राज्य की सालाना योजना पर विचार करते समय योजना आयोग ने इस पर गंभीर...
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