रामाधार यादव, धमतरी। एक ओर जहां अथाह पानी से लबालब गंगरेल बांध को नाव से पार करने की हिम्मत साहसी लोग भी नहीं कर पाते वहीं डूबान क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिर्फ दो परिवारों वाले ग्राम मोंगरी के 10 वर्षीय भक्त प्रहलाद को पढ़ने का ऐसा जुनून है कि वह रोजाना 6 किलोमीटर बांध को पार कर स्कूल आता-जाता है। पांच साल की उम्र में स्कूल जाने के लिए...
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नशे में डूबते केरल को बचाएं - पत्रलेखा चटर्जी
आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है कि जो केरल अपनी उच्च साक्षरता दर और मानव विकास में उल्लेखनीय प्रगति के लिए जाना जाता है, वही शराब के उपभोग के मामले में भी पूरे देश में अव्वल है। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार की हालिया घोषणा के साथ ही यह सवाल एक बार फिर से चर्चा में है। यहां के मुख्यमंत्री ओमन चांडी कहते...
More »कई जरूरी मुद्दों का जिक्र तक नहीं हुआ!- उर्मिलेश
भाजपा के समर्थक ही नहीं, अनेक गैर-भाजपाई लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण की तारीफ करते मिल रहे हैं. उनमें ज्यादातर इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि उनका भाषण लिखा हुआ नहीं था, उसमें अद्भुत जोश था, जमीनी-अनुभवों की रोशनी थी, बड़े वायदे नहीं किये पर जो बातें कहीं, वे बहुत सारगर्भित थीं. बुलेट-प्रूफ कांच की दीवार के बगैर भाषण देने के उनके बेखौफ...
More »कुशासन और सुशासन का मेल - प्रदीप सिंह
बीस साल बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार एक मंच पर। कुशासन और सुशासन का मेल! क्या ऐसा हो सकता है? शायद इसीलिए राजनीति को संभावनाओं का खेल कहते हैं। राजनीति में वह भी संभव हो जाता है, जो जीवन के दूसरे हिस्सों में असंभव लगता है। सवाल यह नहीं है कि कौन किससे मिला। सवाल इस बात का है कि इस मेल का नतीजा (चुनाव परिणाम की बात...
More »बांध लील गए जमीन, चार दशक बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं
जिया कुरैशी, रायपुर। आजादी के छह दशक बाद भी लोगों के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया कितनी जटिल बनी हुई है, इसका अंदाजा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के किसानों के एक मामले को देखकर लगाया जा सकता है। कोई चार दशक पहले धमधा तहसील में सूखा और अकाल पीड़ितों की मदद के इरादे से राहत कार्य के तहत बांध बनाए गए थे। यह काम शुरू हुआ और बांध भी बन गए, लेकिन...
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