भोपाल। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निपटान करने से जर्मन कंपनी के इनकार के बाद सरकार की उम्मीदें टूट गई हैं। जहरीला कचरा कारखाने के वेयर हाउस में रखा है। यह पहला मौका नहीं है, जब सरकार को कचरा निपटान के मामले में झटका लगा हो। इससे पहले भी तीन मर्तबा कचरे के खात्मे के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। अब सरकार के...
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आम आदमी को महंगी और होटल वालों को सस्ती पड़ेगी गैस
भोपाल. एक साल में पहले छह सिलेंडर 451 में और इसके बाद हर सिलेंडर के लिए करीब 800 रुपए। इस नए निर्णय से घरेलू उपभोक्ता को जरूर झटका लगा है, लेकिन व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग करने वाले दुकानदारों को राहत मिलती दिख रही है। ऐसा इसीलिए क्योंकि दुकानदार अभी 1469 रुपए में 19 किलो का व्यावसायिक सिलेंडर ले रहे हैं। नए नियम के बाद 1600 रुपए में बिना सब्सिडी वाले दो सिलेंडर...
More »झुकी सरकार, जलसत्याग्रहियों को जमीन के बदले जमीन
भोपाल : ओंकारेश्वर बांध के विस्थापितों की मांग राज्य सरकार ने मान ली है और मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया है कि विस्थापितों को जमीन के बदले जमीन ही दी जायेगी. उन्होंने कहा कि 90 दिन में पूरा विवाद खत्म कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपील की है कि जलसत्याग्रही अपना आंदोलन खत्म करें और पानी से बाहर निकल आयें. उन्होंने खंडवा में पांच सदस्यों की एक कमेटी...
More »जल सत्याग्रहः जान दे देंगे, अपना गांव नहीं छोड़ेंगे
भोपाल/हरदा।इंदिरा सागर बांध में 260 मीटर के ऊपर पानी भरने के विरोध में नर्मदा तटीय इलाके के गांवों में जल सत्याग्रह का बिगुल बज गया है। नर्मदा बचाओ आंदोलन और डूब प्रभावित लोगों का कहना है कि बांध का जलस्तर 260 मीटर से नीचे लाया जाए। उनका तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार डूब लाने के छह माह पहले संपूर्ण पुनर्वास होना जरूरी है। गांव वाले पिछले एक हफ्ते...
More »भोपाल गैस कांड के विषाक्त कचरे का छह महीने में निष्पादन हो: न्यायालय
नयी दिल्ली, नौ अगस्त, (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने भोपाल में यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन की फैक्ट्री के आसपास फैले विषाक्त कचरे को हटाने के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए आज केन्द्र और मध्य प्रदेश सरकार को छह महीने के भीतर इसका निष्पादन करने का निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश एस एच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ‘‘यह निर्विवाद है कि फैक्ट्री के आसपास अभी भी बड़ी मात्रा में...
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