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छत्तीसगढ़ में दलहन व तिलहन उत्पादन बढऩे की उम्मीद

देश के दक्षिण पूर्वी भाग में इस साल मानसून की मेहरबानी किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आई है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून आए डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। मानसून की जल्द आमद के चलते राज्य में खरीफ की 66 फीसदी से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। मौसम की इस रहमत को देखते हुए इस साल धान की बंपर फसल की उम्मीद की जा...

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मॉनसून के भरोसे खेती कबतक?

बिहार में खरीफ की खेती अब भी वर्षा पर निर्भर है. सरकार हर साल कई करोड़ रुपये जल संसाधन पर खर्च करती है, लेकिन अब भी 93.6 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से केवल 56.03 लाख हेक्टेयर जमीन में ही शुद्ध रूप से खेती होती है और केवल 33.57 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि ही सिंचित है. मॉनसून अगर साथ दे, तो किसानों का सौभाग्य और अगर वह दगा दे, तो...

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मॉनसून के भरोसे खेती कब तक ?

बिहार में खरीफ की खेती अब भी वर्षा पर निर्भर है. सरकार हर साल कई करोड़ रुपये जल संसाधन पर खर्च करती है, लेकिन अब भी 93.6 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से केवल 56.03 लाख हेक्टेयर जमीन में ही शुद्ध रूप से खेती होती है और केवल 33.57 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि ही सिंचित है. मॉनसून अगर साथ दे, तो किसानों का सौभाग्य और अगर वह दगा दे, तो...

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आपदा का खोखला प्रबंधन!

उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...

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110 गांवों पर गिरा लहरों का कहर..

यमुनानगर/पानीपत/करनाल. मानसून के दस्तक देते ही उफनी यमुना से प्रदेश में बाढ़ आ गई है। हरियाणा के करीब 110 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है तो यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले की नौ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 500 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा। इन सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।   अंबाला में भारतीय सेना...

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