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किसानों की आत्महत्या में महाराष्ट्र की स्थिति बदतर

महाराष्‍ट्र में किसानों के आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011 में 3,337 किसानों ने आत्महत्या की है। यह पिछले साल 2010 की अपेक्षा और भी बदतर है, जहां पिछले साल 3,141 किसानों ने खुदकुशी की जो इस साल बढ़कर 3,337 जा पहुंची है। ताजा मामले में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पिछले 72 घंटे के...

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नहीं है मजबूत आधार, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मुश्किल- अमिताभ पराशर की रिपोर्ट

नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए को समर्थन देने के एवज में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जुड़ी खबरों का भले ही कोई आधार न हो, लेकिन बिहार के लिए इसकी राह आसान नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को बिहार की वार्षिक योजना राशि पर चर्चा करने के लिए योजना आयोग की बैठक में पहुंच रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार...

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राष्‍ट्रपति चुनाव: पैसा, ताकत और घपले का घालमेल?

नई दिल्‍ली. राष्‍ट्रपति चुनाव में अपनी पसंद के उम्‍मीदवार को 'नकारे' जाने से ममता बनर्जी नाराज लग रही हैं। खबर है कि ममता यूपीए में बने रहने पर आज फैसला ले सकती हैं। राष्‍ट्रपति चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए ममता आज अपने विधायकों और सांसदों की बैठक करेंगी।   सूत्रों के मुताबिक ममता राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का समर्थन जारी रखेंगी। तृणमूल कांग्रेस...

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गुजरात में कुपोषण का राष्ट्रीय औसत 51 प्रतिशत : अंबिका

गांधीनगर। बुधवार को केंद्रीय मंत्री चिदंबरम, सलमान खुर्शीद और अंबिका सोनी गुजरात पहुंचे। सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने गुजरात के विकास के दावे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि देश में कुपोषण का राष्ट्रीय औसत 51 प्रतिशत है। गुजरात में यह आंकड़ा 55 प्रतिशत है। सच में यदि गुजरात में विकास हुआ है कुपोषण का प्रमाण घटना चाहिए। सोनी ने उद्योगपति अजीम प्रेमजी और नारायण मूर्ति के बयानों को उद्यमियों...

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थोड़ी खुशी ज्यादा गम- ।।प्रभात पटनायक।।

भूमि अधिग्रहण और विकास के शोर में हमारी जर्जर कृषि अर्थव्यवस्था भयानक संकट का सामना कर रही है, मगर वित्तमंत्री बजट में खेती-बाड़ी पर शोध के लिए 200 करोड़ की मामूली रकम का इंतजाम करके दूसरी हरित क्रांति का सपना देख रहे हैं. वित्त वर्ष 2012-13 का बजट कई वजहों से अहम माना जा रहा है. एक तरफ़ यूपीए सरकार चुनावी हार का सामना करने के बाद सियासी मोर्चे पर घिरी हुई...

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