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पंचायतों निकायों को मिली पशुपालन व मत्स्य विभाग की जिम्मेवारी

निधि (पैसों) पर सिर्फ जिला परिषद का अधिकार कार्य व कर्मी की जिम्मेवारी तीनों स्तरों पर बांटी गयी झारखंड सरकार ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अंतर्गत पशुपालन, गव्य विकास व मत्स्य विभाग से संबंधित अधिकार पंचायत निकायों को सौंपे हैं. इससे पूर्व समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि एवं गन्ना विभाग, शिक्षा विभाग सहित कुछ अन्य विभागों के अधिकार पंचायत निकायों को स्थानांतरित किये गये हैं. एक जून 2013...

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राज्यों को केंद्र ने दिया मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बनाये रखने का निर्देश

नयी दिल्ली : देश के विभिन्न राज्यों से मध्याह्न भोजन के बारे में मिल रही गंभीर शिकायतों के बाद केंद्र ने राज्यों से सभी स्तरों पर उपयुक्त ढांचा तैयार करने, तैयार भोजन को कम से कम एक शिक्षक द्वारा चखे जाने, रसोई घर सह स्टोर तैयार करने, खाद्यान्न एवं भोजन की स्वच्छता का ध्यान रखने, सामाजिक लेखा परीक्षण पर जोर देने को कहा है. मानव संसाधन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव...

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बदलते बिहार में मिड-डे मील- अश्विनी कुमार

मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...

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यह त्रासदी कहीं अपने को दोहरा ना दे...!

बिहार के छपरा जिले में जहरीला मिड डे मील खाने से हुई मौतों ने राज्य में इस कार्यक्रम के संचालन की  तैयारियों को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है। इसे चाहे हाथ आई रकम को समय रहते खर्च पाने की नाकामी कहें या फिर शिक्षा के अधिकार कानून में अमल में बरती जाने वाली कोताही, आशंका यह है छपरा की तरह बिहार के कई और जिलों में मिड डे मील की त्रासदी अपने को...

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भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...

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