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अगर आप समाचारों के ऑनलाइन पाठक हैं तो ये न्यूज एलर्ट जरुर पढ़ें!

भारत में समाचारों के आस्वाद की दुनिया तेजी से बदली है : लोगों का समाचारों पर से विश्वास घटा है और समाचार के पाठकों की दुनिया की एक बड़ी तादाद को आशंका सताती है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने राजनीतिक विचारों का इजहार किया तो उन्हें अधिकारी-वर्ग से परेशानी उठानी पड़ेगी.   अंग्रेजी भाषी पाठकों के बीच किये गये एक सर्वेक्षण के मुताबिक टेलिविजन, अखबार या फिर रेडियो नहीं बल्कि समाचार हासिल करने...

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कम नहीं चुनाव आयोग की शक्तियां- नवीन चावला

भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...

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ऑस्ट्रेलिया में अडाणी की कोयला परियोजना को झटका, फिंच पक्षी के संरक्षण से संबंधित योजना ख़ारिज

मेलबर्नः ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रांत की सरकार ने विलुप्तप्राय प्रजाति के फिंच पक्षी के संरक्षण से संबंधित अडाणी की प्रबंधन योजना को ख़ारिज कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि अरबों डॉलर की प्रस्तावित खदान परियोजना मंजूरी के लिए आवश्यक शर्तों पर खरा नहीं उतरता. इसके साथ ही कंपनी की विवादित कारमाइकल कोयला खदान परियोजना अनिश्चितकाल के लिए टल सकती है. शुक्रवार को स्थानीय मीडिया की खबरों में इसकी जानकारी...

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नोटबंदी के दौरान लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के पैसे का क्या हुआ, सरकार को नहीं पता

नई दिल्ली: सोचिए. अगर भारत में गरीब न होते तो क्या होता? कुछ होता या न होता लेकिन इतना तो तय था कि हमारी राजनीति काफी नीरस हो जाती. ये गरीब ही हैं, जिनकी वजह से भारत की राजनीति इतनी दिलचस्प बनी हुई है. चाहे वो इंदिरा गांधी का गरीबी हटाओ का नारा हो या मनमोहन सिंह का मनरेगा हो या फिर नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण...

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अयोध्या का एक गांव जहां लोगों ने कभी वोट नहीं डाला- कृष्णप्रताप सिंह

इस बात को आप शायद हाज़मोला खाकर भी हज़म न कर सकें कि 17वीं लोकसभा के चुनावों से जुड़ी गहमागहमी के उतार पर पहुंच जाने के बावजूद देश में 100 से ज़्यादा मतदाताओं वाला एक ऐसा भी गांव है, जिसके किसी भी मतदाता ने कभी किसी चुनाव में मतदान नहीं किया. यहां आप यह अनुमान लगाएंगे कि इस गांव के मतदाता चुनावों का बहिष्कार करते रहे होंगे तो ग़लती करेंगे और...

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