डोरीगंज, सारण [श्रीराम तिवारी]। अगर मन में हौसला हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। विजय किशोर चौरसिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। विपरीत मौसम में देसी तकनीक के सहारे मशरूम का उत्पादन कर वे किसानों के रोल माडल बन गए है। सारण के सदर प्रखंड अंतर्गत भैरोपुर निजामत गांव निवासी यह किसान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान में प्रतिदिन चार से पांच किग्रा मशरूम का उत्पादन कर रहा है। विजय की इस सफलता पर कृषि...
More »SEARCH RESULT
महंगाई के खिलाफ खोखली पहल
नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...
More »नीम फसलों का असली हकीम
बुलंदशहर। नीम हकीम से भले ही बचने की सलाह दी जाती हो लेकिन फसलों के लिए नीम ही हकीम है। जहां नीम, वहां क्या करे हकीम। ऐसी कहावतों से नीम की गुणवत्ता सदियों से परिलक्षित हो रही है। यह फसलों की सुरक्षा में भी बेजोड़ है। किसान जैसे-जैसे इसकी खूबियों से वाबस्ता हो रहे हैं, इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है पर पेड़ों के कटान से समस्या यह भी आई है कि जो गांव-घर की...
More »गर्मी झेलिए क्योंकि खूब बरसेंगे बदरा
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। थोड़े से कष्ट के बदले ढेर सारी खुशी मिले तो क्या हर्ज है। यही सोचकर चिलचिलाती गर्मी झेलते रहिए। इस गर्मी में अच्छे मानसून के संकेत छुपे हैं। और, जब बदरा जमकर बरसेंगे तो फसलों की बुआई और कटाई जल्दी होगी। अच्छी बारिश से पैदावार बढ़ेगी और समय से बाजार में आएगी। नतीजतन, जिन्सों की जमाखोरी करने वाले अपना माल बाजार में निकालेंगे, जिसका असर कीमतों में गिरावट के रूप में...
More »किसानों व कारपोरेट सेक्टर का गठजोड़ जरूरी
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गांवों के विकास के लिए किसानों और कारपोरेट सेक्टर के गठजोड़ पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से कंपनियों और किसानों दोनों को लाभ होगा। वह योजना आयोग के एक समारोह में बोल रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल मंदी के बावजूद भारत के कम प्रभावित होने की वजह उसकी ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था रही है,...
More »