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सीजेआई यौन उत्पीड़न मामला: जांच से पहले ही मेरे चरित्र पर उंगलियां उठाई जाने लगीं- शिकायतकर्ता

नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 35 वर्षीय सुप्रीम कोर्ट की कर्मचारी ने बुधवार को इस मामले की जांच के लिए गठित एक आंतरिक समिति के सामने अपनी भय और आशंकाओं को प्रकट किया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि शनिवार को सीजेआई ने जो सुनवाई की, उसमें उनकी शिकायत को अपने खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा बताया, जिससे...

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मतदान से पहले कितना सोचते हैं हम-- बीजू डॉमिनिक

क्या वोटिंग एक तर्कसंगत प्रक्रिया है? यदि ऐसा है, तब तो आम मतदाता अपने फैसले पर पहुंचने से पहले काफी सोच-विचार करता होगा। मसलन, उम्मीदवार किस पार्टी से हैं? साल 2014 में जो पार्टी सत्ता में आई थी, उसने क्या-क्या वादे किए थे? उनमें से कितने प्रतिशत वादे पूरे हुए? उन्होंने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा न कर पाने के लिए क्या उनके पास वाजिब वजहें हैं? किस पार्टी...

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विदेशी चंदा के रूप में नहीं मानी जायेगी NGO को अंतरराष्ट्रीय सौर संगठनों से मिलने वाली राशि

नयी दिल्ली : देश के स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और अन्य निकायों को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से मिलने वाले धन को विदेशी स्रोत से मिला धन नहीं माना जायेगा और न ही उसे विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) से छूट मिलेगी. गृह मंत्रालय की ओर से इस बाबत जानकारी दी गयी है. मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन को अब एनजीओ तथा अन्य...

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सुप्रीम कोर्ट ने RBI को निर्देश दिया RTI के तहत बैंकों की वार्षिक रिपोर्ट जारी करें

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को शुक्रवार को निर्देश दिया कि जब तक कानून के तहत छूट नहीं मिल जाती, तब तक वह सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट से जुड़ी जानकारी का खुलासा करें . न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरटीआई के तहत बैंकों से संबंधित सूचना का खुलासा करने के लिए आरटीआई से...

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नारों के हिंडोले और हमारी हकीकत-- शशिशेखर

अपनी 72 साला आजादी में भारत ने कुलजमा 16 आम चुनाव देखे हैं। इसके बावजूद सवाल कायम है कि हमारा लोकतंत्र सही दिशा में बढ़ रहा है या नहीं? क्या वजह है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने विशाल आकार को अभी वांछित प्रकार से व्यवस्थित नहीं कर सका है? बताने की जरूरत नहीं कि आजादी के बाद पहला आम चुनाव 1951-52 में हुआ था। उस समय हिन्दुस्तान का...

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