झाड़ग्राम [जासं]। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के माओवाद प्रभावित जंगल महल क्षेत्र में विगत 7 मार्च से पुलिस व सुरक्षा बल की ओर से माओवादियों की तलाश में अभियान का तीसरा चरण आरंभ किया गया। अभियान के नाम पर जवानों द्वारा निरपराध ग्रामीणों को जब-तब पकड़ लिया जाता है, जिससे आतंकित ग्रामीण घर छोड़ने को विवश हो गये हैं। इसका असर एक ओर जहां इलाके की अर्थव्यवस्था पर हो रहा है, वहीं आदिवासियों के पलायन कर जाने...
More »SEARCH RESULT
जब शौच से उपजे सोना
जब कोई युवा पढ़ाई- लिखाई करके शहरों की ओर भागने की बजाय अपनी शिक्षा और नई सोच का उपयोग अपने गाँव, ज़मीन, अपने खेतों में करने लगे तो बदलाव की एक नई कहानी लिखने लगता है, ऐसे युवा यदि सरकार और संस्थाओं से सहयोग पा जाएं तो निश्चित ही क्रान्तिकारी परिवर्तन ला देते हैं। ऐसी ही एक कहानी है ‘जब शौच से उपजे सोना’ की और कहानी के नायक हैं युवा किसान श्याम मोहन त्यागी...... आर के...
More »किसानों की गरीबी घटाने में छोटी जोतें बड़ी बाधा
लखनऊ। सरकार का नजरिया कुछ भी हो पर कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में 91 फीसदी किसानों की जोतें इतनी छोटी हैं कि इनके बूते गरीबी उन्मूलन तो दूर की बात, उनके परिवारों का पेट भर पाना ही कठिन है। इस मजबूरी में कृषि विविधीकरण सहित तमाम कृषि सुधार योजनाओं का फोकस सिर्फ नौ फीसदी किसान हैं, जिनके बूते सरकार कभी उत्पादन दुगुना करने का सपना देखती...
More »भूख का बढ़ता भूगोल
भारत में जब से आर्थिक उदारीकरण आया है, एक अद्भुत विरोधाभास उदारवादियों में देखने को मिला है। जहां भारत में कई जगह अभ्युदय हो रहा है। वहीं हालात 20 साल से ज्यादा खराब होते गए हैं। खासकर लोगों की खुराक कम हुई है। सिर्फ जिंदा रहने के लिए लोग इस देश में भोजन ग्रहण कर रहे हैं और इसका मूल कारण जनसंख्या का बढ़ना नहीं है, जैसा कि अनुमान लगाया...
More »नर्मदा की गोद से बेदखल
एक नजर में *गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारें बांध की ऊंचाई बढ़ाना चाहती हैं मगर सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि पहले हर विस्थापित का पुनर्वास हो *बांध ने कुल करीब दो लाख लोगों को प्रभावित किया जिनमें से आधे से ज्यादा आज भी बेघरबार हैं *मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि उसके पास विस्थापितों को देने के लिए जमीन नहीं फिर भी वो सबके पुनर्वास का दावा कर...
More »