एक्सपोर्ट बढ़ने की संभावना के चलते कॉटन की कीमतों में तेजी की उम्मीद है। जानकारों के मुताबिक एमसीएक्स पर कॉटन 20,000 से 20,500 के स्तर पर कारोबार करता नजर आ सकता है। फिलहाल जून वायदा 19,910 रुपए प्रति बेल्स पर कारोबार कर रहा है। वहीं एमसीडीईएक्स पर कपास वायदा 956 रुपए प्रति 10 किलो के स्तर पर है। साथ ही मानसून कमजोर होने से भी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा...
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'सफेद सोना" बनता जा रहा है दूध - धर्मेंद्रपाल सिंह
भोपाल को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन ने सांची दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इससे पहले मदर डेयरी और अमूल दूध के दाम बढ़ाए गए थे। चार महीने के भीतर दूध के दाम दूसरी बार बढ़े हैं। सबसे पहले गुजरात को-ऑपरेटिव दूध विपणन महासंघ ने अमूल दूध का भाव दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की थी। देश की इस सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव की देखा-देखी अन्य दूध उत्पादकों...
More »पहाड़ जैसी चुनौतियां, उम्मीदें आसमान पर
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने जा रही नई सरकार से सबको काफी अपेक्षाएं हैं। इस वक्त आम आदमी की सबसे बड़ी चिंता महंगाई को लेकर है। महंगाई का आंकड़ा दो अंकों के करीब पहुंच चुका है और अल नीनो के असर के कारण सूखे की आशंका बढ़ती जा रही है। ऐसे में महंगाई की चुनौती से पार पाना नई सरकार के लिए आसान नहीं होगा। महंगाई नियंत्रण के लिए हर...
More »अलफांसो आम पर प्रतिबंध से होगा 100 करोड़ का घाटा
हापुस आमों का व्यापार मुख्यत: नवी मुंबई के वाशी स्थित कृषि उत्पाद बाजार समिति में होता है। बुधवार से ही बाज़ार के अंदर तथा बाहर कोंकण से आए हापुस आमों से लदे ट्रकों की लंबी कतारें लगी हैं। व्यापारी और किसान ट्रकों से आम उतरवाने में लगे हैं। जैसे-जैसे गरमी बढ़ रही है, वैसे-वैसे उत्पादकों के बीच आम की कीमतों को लेकर चिंता बढ़ रही है। हर किसान जल्द से जल्द...
More »खेती-किसानी के मुद्दे गायब हैं चुनाव से- महक सिंह
चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और व्यक्तिवाद की बातें की जा रही हैं, पर गांव, खेती और 54 प्रतिशत जनता के मुद्दे गौण हैं। कृषि क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), पूंजी निर्माण और कृषि निर्यात लगातार घटते जा रहे हैं। 1950-51 में जीडीपी में कृषि की भागीदारी 53.1 प्रतिशत थी, जो 2012-13 में घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई। गांव-शहर तथा किसान-गैर किसान के बीच खाई बढ़ती जा रही है।...
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