नई दिल्ली. यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों बच्चे गायब होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी मानना है कि बड़े पैमाने पर बच्चे गायब हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर 2008 से लेकर अब तक 4 लाख से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके हैं। ज्यादातर बच्चे देश के गरीब राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि से गायब होते...
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राज्य के 66 फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार
पटना: राज्य के 66 फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। जीरो से पांच साल के बच्चों की हाल तो और खराब है। पांच वर्ष से कम उम्र के 80 प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। इसका असर उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास पर पड़ रहा है। ये बातें सोमवार को प्लान इंडिया एवं निदान के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान में आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञ मनीष...
More »अर्थव्यवस्था का जायजा लेंगे विश्व बैंक प्रमुख
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। धीमी रफ्तार से बाहर निकलने की कोशिश कर रही अर्थव्यवस्था का जायजा लेने विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम सोमवार से तीन दिन की यात्रा पर भारत आ रहे हैं। उनके एजेंडे में सरकार की आर्थिक नीतियों के परिणामों का आकलन करने के साथ साथ विकास की दिशा में विश्व बैंक के लिए यहां संभावनाएं तलाशना है। पिछले साल जुलाई में विश्व बैंक के प्रमुख का पद संभालने वाले...
More »नकद पैसे का खेल- बनवारी
जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
More »क्रोनी पूंजीवाद और विकास- भरत झुनझुनवाला
राजतंत्र, सामंतवाद व कम्युनिज्म की तुलना में पूंजीवाद ने दुनिया में बहुत अधिक समृद्धि लायी है. पूंजीवाद की यह सफलता खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा से हासिल हुई है. बाजार में हर व्यक्ति को प्रयोग करने, नये माल बनाने एवं नयी तकनीक के उपयोग की छूट होती है. जैसे पूंजीवाद में छूट है कि कोई किसान हाइब्रिड बीज से फसल उगाये या देशी बीज से. एक किसान सफल हुआ, तो दूसरे...
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