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दुनिया एक और महामंदी की ओर? - परंजॉय गुहा ठाकुरता

क्या 1930 की महामंदी के बाद दुनिया एक और महामंदी की ओर बढ़ रही है? क्या हम यह मान लें कि वर्ष 2008 की मंदी इस महामंदी का शुरुआती दौर भर थी? दुनिया ग्रीस त्रासदी पर टकटकी लगाए हुए है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन कहते हैं कि 1930 जैसी महामंदी के हालात फिर से निर्मित हो सकते हैं। अलबत्ता इसके एक दिन बाद ही आरबीआई द्वारा सफाई...

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वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष महामंदी का खतराः रघुराम राजन

लंदन। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों से कहा कि वे रणनीति के नए नियम परिभाषित करें। उन्होंने कहा कि संभव है, वैश्विक अर्थव्यवस्था वैसे ही हालात की ओर बढ़ रही हो, जो 1930 के दशक की विश्वव्यापी मंदी के दौर में थी। राजन केंद्रीय बैंकों के बीच मौद्रिक नीति उदार बनाने की होड़ के प्रति आगाह करते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हालांकि भारत के हालात...

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मध्यप्रदेश की आंगनवाड़ि‍यों में अंडा बैन नहीं है : मंत्री मेहदेले

राजीव सोनी, भोपाल। उद्यानिकी, कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री कुसुम सिंह मेहदेले ने कहा कि आंगनवाड़ी में अंडा बैन नहीं है। उन्‍होंने कहा मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सही कह रहे हैं और मैं भी। जो मांसाहारी हैं वे अंडा खाएं और जो शाकाहारी हैं वे दूध पिएं। इसमें क्‍या दिक्‍कत है। मंत्री मेहदेले ने कहा है कि एक जुलाई से मध्यप्रदेश उद्यानिकी स्वर्ण क्रांति अभियान और ग्रामोद्योग ग्लोबल परियोजना शुरू की...

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स्विस बैंकों में जमा धन निकाल रहे हैं भारतीय, कार्रवाई का असर

भारत और दूसरे देशों की सरकारों के स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली की चर्चित गोपनीयता पर बढ़ते शिकंजे के बीच स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई राशि पिछले साल 10 फीसदी घटकर 1.8 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 12,615 करोड़ रूपए) रह गया। देश के केंद्रीय बैंक एसएनबी (स्विस नेशनल बैंक) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा धन 21.5 करोड़ स्विस...

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चीन से आगे जाने का मतलब- मधुरेन्द्र सिन्हा

बीती सदी के नब्बे के दशक में जब जर्जर भारतीय अर्थव्यवस्था को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहराव के वित्त मंत्री ने अमरबूटी पिलाई थी, तो किसी को एहसास भी नहीं था कि यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगी। विदेशों में बने टीवी, फ्रिज को देखकर ललचाते हुए मध्यवर्ग ने सोचा भी नहीं था कि भारत ऐसे सामान के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बन जाएगा। यह...

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