-द वायर, मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के शुरुआती पांच महीनों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान 83 लाख से अधिक नए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कार्ड जारी किए गए हैं. एक अप्रैल से तीन सितंबर तक की यह संख्या (83.02 लाख नए कार्ड) बीते सात सालों में हुई वार्षिक बढ़ोतरी से अधिक है, जिसके आंकड़े मनरेगा पोर्टल पर उपलब्ध है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2014-15 में...
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कोरोना के कारण गरीबी के चरम स्तर पर पहुंच सकती हैं दुनिया की 4.7 करोड़ महिलाएं: यूएन
-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके बाद बने सामाजिक और आर्थिक हालात के कारण 2021 तक लगभग 4 करोड़ 70 लाख महिलाएं गरीबी के चरम स्तर का सामना कर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की संस्था यूएन वूमेन और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। कोविड-19 से पहले वर्ष 2019 से 2021 के बीच महिलाओं में गरीबी दर 2.7 फीसदी घटने...
More »भारतीय जीडीपी में 2020-21 की पहली तिमाही में 23.9% की रिकॉर्ड गिरावट, राजकोषीय स्थिति भी बेहद खराब
द प्रिंट, कोविड-19 संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े सोमवार को जारी किए. इन आंकड़ों में जीडीपी में भारी गिरावट दिखी है. सकल घरेलू उत्पाद में इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण की...
More »महामारी के वक्त कृषि क्षेत्र ने बनाई बढ़त, आर्थिक विकास में उद्योग से ज्यादा हिस्सेदारी
-डाउन टू अर्थ, 31 अगस्त 2020 को जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के तहत कवर किए गए आठ उद्योगों में से केवल कृषि ऐसा क्षेत्र है, जिसमें वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून की तिमाही में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2020) के लिए जारी अनुमानों के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी...
More »पैकेज बिना सब सूना
-आउटलुक, “मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार दूसरा राहत पैकेज कोरोना का वैक्सीन आने के बाद, लेकिन पैकेज को अनिश्चितता से जोड़ना कितना उचित” विक्रम देकाते की औरंगाबाद में डेक्सन कास्टिंग नाम की कंपनी है, जो दोपहिया वाहनों के लिए एल्युमिनियम कास्टिंग करती है। उन्होंने प्रॉपर्टी के एवज में एक एनबीएफसी से कर्ज ले रखा था। लॉकडाउन के दौरान कैशफ्लो घट गया तो इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत वर्किंग कैपिटल लोन...
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