फिल्म प्यासा का गीत है- ‘सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये', एक जगह तनिक छेड़ के साथ पात्र कहता है कि ‘लाख दुखों की एक दवा है क्यों ना आजमाये.' ऐसी दवा साहित्य के पन्नों में मिला करती है, लेकिन लगता है अब राजनीति ने भी यह दवा खोज निकाली है. सार्वजनिक महत्व के मसले पर राजनीतिक असहमति से उपजनेवाले तमाम दुख-दर्दों से छुटकारे की इस दवा का...
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डेंगू-चिकनगुनिया की रिपोर्ट में देरी पर एनजीटी नाखुश
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सोमवार को दिल्ली सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से संबंधित स्थिति रिपोर्ट में देरी पर नाखुशी जताई। एनजीटी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुख की बात है कि ऐसे गंभीर मामले में भी हमारे निर्देशों के बावजूद दिल्ली सरकार समय पर रिपोर्ट दाखिल करने में विफल रही। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता...
More »राजद्रोह के मामले बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा-- एनसीआरबी की नई रिपोर्ट
अलगाववादी रुझान वाले पूर्वोत्तर या जम्मू-कश्मीर में नहीं बल्कि बिहार और झारखंड में राजद्रोह की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रकाश में आयी हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) विगत दो वर्षों से राजद्रोह के मामलों के बारे में आंकड़े प्रकाशित कर रहा है और ये आंकड़े बताते हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में 2015 में राजद्रोह के सर्वाधिक घटनाएं बिहार में प्रकाश में आईं जबकि झारखंड 2014 में राजद्रोह की घटनाओं...
More »स्वच्छ भारत अभियान के दो वर्ष पूरे, जानिये कितना साफ हुआ भारत
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गांधी जयंती के मौके पर शुरु किये गए स्वच्छ भारत अभियान के आज दो वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर सार्वजनिक स्थानों को साफ करने के लिए नई पहल शुरु की गईं, प्रभावी कदम उठाने वालों को पुरस्कृत किया गया और 2019 के स्वच्छ भारत अभियान लक्ष्य को हासिल करने के लिए नया संकल्प किया गया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती...
More »नई व्यवस्था से कितनी बदलेगी रेल? - अरविंद कुमार सिंह
रेलवे की रफ्तार और तेज करने व कायाकल्प के इरादे से रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल कर रेल बजट का आम बजट में विलय कराने में सफलता हासिल कर ली है। 1924 से लगातार जो रेल बजट आम बजट से अलग पेश होता रहा है, वह अब इतिहास का अंग बन गया है। किंतु इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। अब...
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