चीन से आए जीवाणु भारत में टीबी जैसी खतरनाक बीमारी फैला रहे हैं। इस पर दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं। सेंट्रल एशियन स्ट्रेन (सीएएस) जीनोटाइप के माइक्रोबैक्टीरियल जीवाणु टीबी होने का सबसे बड़ा कारण है। ईस्ट अफ्रीकन इंडियन (ईएआई) जीनोटाइप स्ट्रेन और बीजिंग स्ट्रेन से भी टीबी का रोग होता है। ये बातें दिल्ली एम्स के डॉक्टरों के शोध में सामने आई हैं। बीजिंग स्ट्रेन का संक्रमण पूर्वोत्तर के...
More »SEARCH RESULT
कितने दाना मांझी-- रघु ठाकुर
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के आदिवासी बहुल करहल प्रखंड में कुपोषण के चलते बीते बारह सितंबर तक उन्नीस बच्चे मौत के शिकार हो चुके थे, लगभग सौ बच्चे बीमार थे, जिनमें छत्तीस बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। हो सकता है कि इसे बाकी खबरों की तरह एक सामान्य खबर मान कर लोग आगे बढ़ जाएं। लेकिन मेरे दिमाग में वह व्यवस्था घूम रही थी, जिसके जटिल तंत्र की...
More »पुड़िया को बाजार ले जाने की चुनौती-- अभिषेक कुमार
भले ही दुनिया के कई देशों में आयुर्वेदिक दवाओं का आयात भारत से होता हो, लेकिन इनके खिलाफ एक बड़ा भारी मत यह है कि प्राचीन ग्रंथों के उल्लेखों और सिर्फ भरोसे के आधार पर उन दवाओं का कारोबार नहीं चल सकता जिनके बनाने की विधि में एकरूपता न हो और जिनके असर व दुष्प्रभाव को मापने का कोई जरिया न हो। इन स्थितियों के बावजूद हाल में स्विट्जरलैंड की...
More »हृदय जनित बीमारियों से प्रतिवर्ष 18 मिलियन लोगों की मौत
कोलकाता. भारत के साथ पूरे विश्व में लोग तेजी से दिल की बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिवर्ष विश्वभर में करीब 18 मिलियन लोगों की मौत कार्डियो वासकुलर (हृदय) जनित बीमारियों की चपेट में आने से होती है. यह बातें अपोलो ग्लेनिगल्स हॉस्पिटल के अध्यक्ष व पूर्वी भारत की सीइओ डॉ रुपाली बोस ने कहीं. वह वर्ल्ड हार्ट डे के मौके अस्पताल के ऑडिटोरियम...
More »अब हवा सांस लेने लायक नहीं
दुनियाभर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खतरनाक प्रभाव का विश्लेषण करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल' की संज्ञा दी है. वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में मौताें और बीमारियों से सबसे प्रभावित विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं, लेकिन विकसित देश भी इससे बेअसर नहीं हैं वैश्विक जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक भाग प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए अभिशप्त है. यह अच्छी...
More »