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बिहार के किसानों संग हुआ ऐसा कि चेहरे पर तैरने लगी खुशियां

पटना. बिहार के वैशाली जिले के सब्जी उत्पादक किसान सुनील कुमार ने इस वर्ष अपने परिवार के साथ न केवल होली धूमधाम से खेली, बल्कि अपने दो छोटे-छोटे बच्चों और बूढ़ी मां के लिए नए कपड़े भी खरीदे। राज्य में केवल सुनील ही ऐसे नहीं थे जिन्होंने अपने परिवार के साथ होली की खुशियां बांटी, बल्कि ऐसे कई सब्जी उत्पादक थे जिन्होंने उपज में वृद्धि से खुश होकर पूरे मन से होली मनाई। औरंगाबाद...

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सातवीं पास इंजीनियर

आंध्र प्रदेश में वारंगल से 15 किलोमीटर दूर एक बस्ती में मशहूर पोचमपल्ली रेशमी साड़ियां बनानेवाले कारीगर रहते हैं. बस्ती की महिलाएं दिन भर साड़ी के लिए रेशमी धागा तैयार करने में लगी रहती हैं. पहले धागे की फ़िनिशिंग 42 पिनों वाले आसू नामक उपकरण से की जाती थी. इसके जरिये एक साड़ी लायक धागा तैयार करने में एक महिला को औसतन नौ हजार बार अपने हाथों को आगे-पीछे करना पड़ता था, जिससे ना...

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रेणु के गांव में आज भी जिंदा हैं ‘मैला आँचल’ के पात्र- संजीव चंदन की रिपोर्ट(तहलका)

पूर्णिया में प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य अधिवेशन में शिरकत करने के दौरान रेणु जी के गाँव जाना संभव हुआ. औराही हिंगना  को, रानी गंज के इलाके  ( मैला आँचल में मेरीगंज ) को, जहाँ फणीश्वर नाथ रेणु का पुश्तैनी घर है, जो मैला आँचल और परती-परिकथा सहित उनकी कई कहानियों की आधारभूमि है,  जहां पंचलैट के टोले हैं, जहाँ तीसरी कसम  के जीवंत पात्र और कसबाई तथा ग्रामीण समाज ...

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26 वर्षो से लंबित पड़े हैं 2173 मामले

मुंबई. भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की छापेमारी में घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए आरोपियों के 2173 मामले पिछले 26 वर्षो से विशेष न्यायालय में विचाराधीन पड़े हैं। इनमें औरंगाबाद के 235 और नांदेड़ के 143 मामले शामिल हैं। नागपुर 394 और अमरावती के 276 ऐसे मामले शामिल हैं, जिन पर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। 1986 से 2011 के बीच पूरे राज्य से विशेष अदालत को भेजे गए...

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राहत शिविर या शामत शिविर!- राजकुमार सोनी(तहलका)

वे गांव लौटे तो नक्सलवादियों का निशाना बन जाएंगे और यदि राहत शिविरों में रहते हैं तो उन्हें अमानवीय परिस्थितियों के बीच ही बाकी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. सलवा जुडूम अभियान के दौरान बस्तर के राहत शिविरों में रहने आए हजारों ग्रामीण आदिवासी आज त्रिशंकु जैसी स्थिति में फंसे हैं. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट कोतरापाल गांव की प्रमिला कभी 15 एकड़ खेत की मालकिन थी, लेकिन गत छह साल से वह अपने...

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