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मई के अंत में ही देश में आ जाएगा मानसून

दक्षिण पश्चिम मानसून केरल के रास्ते देश में इस माह के अंत तक प्रवेश कर सकता है। आमतौर पर 1 जून को आने वाला मानसून इस बार कुछ दिन पहले ही प्रवेश का अनुमान मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी स्काईमेट जता रही है। यह मानसून जून से सितंबर तक के लिए सक्रिय रहता है। स्काईमेट के मुताबिक मई 18 और मई 20 के बीच मानसून अंडमान और निकोबार...

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बने रोजगारपरक कर-प्रणाली--भरत झुनझुनवाला

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि आनेवाले समय में भारत में बेरोजगारी की समस्या गहराती जायेगी. पिछले दो दशक में भारत में तीव्र आर्थिक विकास हुआ था.  इस अवधि में 30 करोड़ युवाओं ने प्रवेश किया. तीव्र विकास के बावजूद इनमें आधों को ही रोजगार मिल सका है. ये सीमित रोजगार भी मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में मिले, जैसे रिक्शा चलाने में अथवा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में. ऐसे...

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'मंत्रीजी! बिन पानी हमारे लड़के रह गए कुंआरे, अब तो कुछ करो'

रायसेन(मध्यप्रदेश)। मंत्री जी, चुनाव के समय तो आपने हाथ पर कलश-नारियल रखकर कसम खाई थी कि गांव में पानी-बिजली की समस्या जल्द खत्म कर देंगे। लेकिन अब क्या हुआ। चुनाव जीतने के बाद तो आप हमें भूल ही गए। यहां जवान लड़कों की शादियां नहीं हो रही हैं। जिनकी हो भी गई हैं, उनकी पत्नियां मायके से वापस ससुराल नहीं आना चाहती, क्योंकि गांव में दो से तीन किमी दूर से...

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फूल के कांटे-- चंद्रमोहन पपनैं

आजकल की गरमी में पंचफूली नामक सुंदर फूल-पौधे नोएडा के वीआइपी कहे जाने वाले इलाके सेक्टर 14-ए के पास स्थित गौतमबुद्ध की मूर्ति के ठीक सामने शोभायमान हैं। यहीं पर डीटीसी बस स्टॉप है और इसके बार्इं ओर एक बड़ा पार्क है, जिसमें बहुत सारे लोग सुबह-शाम की सैर करते हैं। इस मुख्य मार्ग से हजारों वाहन और लोग रोजाना आते-जाते हैं। वे पंचफूली नामक इन फूल-पौधों की सुंदरता को...

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बैंकरप्सी बिल : द इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लोकसभा में पारित

किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है.  इसका मतलब यह है कि...

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