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आखिर कब मिलेगा न्याय!-- आकार पटेल

वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी नरसंहार के पीड़ितों और भुक्तभोगियों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार कितनी गंभीर है? यह ऐसा प्रश्न है, जिसे जानने के लिए सभी भारतीयों को उत्सुक होना चाहिए, क्योंकि इससे यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि इस देश में बड़े पैमाने पर होनेवाली हिंसा के मामले में पीड़ितों को कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मचे...

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हिन्दू धर्म में विवाह एक पवित्र संस्कार है, कोई करार नहीं: हाईकोर्ट

‘हिन्दू धर्म में विवाह पवित्र संस्कार है, कोई करार नहीं। इसे किसी अनुबंध से बांधा नहीं जा सकता है।' दिल्ली हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने रीति-रिवाज के बगैर अनुबंध के जरिए शादी करने वाली एक महिला को मृतक की पत्नी स्वीकार करने से इनकार करते हुए यह बात कही। अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांगी थी: महिला ने दिल्ली सरकार के अस्पताल में काम करने वाले व्यक्ति...

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घाटा, कर्ज का भीषण कांटा!-- अनिल रघुराज

कालेधन को साफ करने की जिस वैतरणी के लिए सरकार ने देश के 26 करोड़ परिवारों को तकलीफ की भंवर में धकेल दिया, वह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कर्मनाशा बनती दिख रही है. आइएमएफ जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठन तक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का अनुमान 7.6 प्रतिशत से घटा कर 6.6 प्रतिशत कर दिया है, जबकि चीन का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ा...

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बजट 2016-17 : बजट से उम्मीदें कुछ ठोस सी

नोटबंदी के बाद यह सबसे बड़ा आर्थिक अनुष्ठान है. इससे जनता को बहुत उम्मीदें हैं. उम्मीदें इसलिए हैं कि नोटबंदी के बाद जनता काफी परेशानी से गुजरी है. यह ठीक है कि नोटबंदी,नकद-न्यूनतम अर्थव्यवस्था भविष्य में अर्थव्यवस्था का भला करेगी, पर फौरी तौर पर तो उसने आम जनता यानी रोज कमाने-खानेवाले लोगों को परेशान ही किया है. इसका असर भी दिखाई पड़ा है. तमाम संगठनों ने 2016-17 के आर्थिक विकास...

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राजतंत्र से जनतंत्र तक-- संदीप मानुधने

जब अंगरेज भारत छोड़ कर गये, उन्होंने वे सभी प्रयास प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से किये, जिससे उपमहाद्वीप में सदा के लिए दरारें पड़ी रहें. अंगरेजों की दिली तमन्ना थी कि भारत टुकड़े-टुकड़े हो जायेगा, क्योंकि इसे एक करनेवाला कोई है ही नहीं. लेकिन, उनके मंसूबों पर भारत के नेताओं ने पानी फेर दिया. सरदार पटेल ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया, पंडित नेहरू ने एक लोकतांत्रिक...

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