सहज मार्ग से नाम से प्रचलित आध्यात्मिक संस्था श्रीरामचंद्र मिशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष रामचंद्र ने 1966 में प्रकाशित अपनी पुस्तक रियल्टी एट डॉन में भारत के उत्थान और पश्चिम के पराभव का एक खाका खींचा है। उन्होंने लिखा है कि इस पराभव का एक कारण पश्चिम में धरती के गर्भ में सक्रिय होने वाले ऐसे ज्वालामुखी भी बनेंगे जो अभी सुप्त अवस्था में हैं। पता नहीं, वह सब कुछ...
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कैसे भूल सकते हैं चंपारण सत्याग्रह- के सी त्यागी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अतुल्य विरासत को अजर-अमर बनाने की दिशा में जो प्रयास हो रहे हैं, वे न सिर्फ सराहनीय हैं, बल्कि प्रेरणादायक भी हैं। पिछले दिनों बिहार सरकार ने गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की सौवीं वर्षगांठ मनाने का फैसला एक सर्वदलीय बैठक में किया। महात्मा के नाम पर राजनीतिक मतभेद न होना, इस बड़े फैसले का सुखद पहलू रहा। 10 अप्रैल, 1917 को पहली बार महात्मा गांधी बिहार...
More »मकसद, भविष्य गढ़ना!-- हरिवंश
बच्चों के खिलाफ हर दिन हिंसा होती है. चाहे वह पारंपरिक रूप में हो या अनुशासन के रूप में. इसे आज ही समाप्त किया जाना चाहिए. बच्चों के खिलाफ हिंसा की समाप्ति के लिए झारखंड में एक अभियान ‘‘अब और नहीं. मत छुपाओ, आवाज उठाओ'', की शुरुआत की गयी है. इस अभियान का मकसद, भविष्य गढ़ने से है. ‘बच्चों को हिंसा से बचाने' की जागरूकता, कोशिश या अभियान एक नयी...
More »एक मई से मध्यप्रदेश में लागू होगी नई फसल बीमा
भोपाल। प्रदेश में नई "प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना" एक मई से लागू होगी। इसमें किसानों को खरीफ फसलों का बीमा कराने पर सिर्फ दो प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, जबकि पहले ये प्रीमियम दस प्रतिशत तक था। नई योजना लागू करने के लिए कृषि विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगा। सरकार ने तय किया है कि ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में फसल बीमा को लेकर विशेष ग्रामसभा की जाएगी। निजी कंपनियां करेंगे...
More »सबसे तेज अर्थव्यवस्था के कुछ कड़वे सच- राजीव मिश्र
पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वाशिंगटन में जो बयान दिया, उसे भारत में कई लोग नहीं पचा पाए। पहली नजर में यह बयान कुछ अनावश्यक-सा दिखता है। खासकर तब, जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष साल 2016-17 के वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान विश्व में सबसे ज्यादा 7.5 बता रहा हो और कई जगह भारत को चमकता सितारा माना जा रहा हो। ऐसे...
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