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भारत में रोजगारहीन आर्थिक वृद्धि - आईएलओ की नई रिपोर्ट

जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...

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क्यों गायब हो रहे हैं छोटे किसान - सुभाष चंद्र कुशवाहा

आर्थिक उदारीकरण में खेती-किसानी को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन भारत में कृषि नीति के प्रति सरकार की लगातार उदासीनता इसलिए घातक है कि सेवा क्षेत्र के विकास के बावजूद कृषि क्षेत्र आज भी अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह हताशाजनक ही है कि सरकार बजट-दर-बजट खेती-किसानी को घाटे का सौदा साबित करने पर तुली है। बाहरी दबावों और कॉरपोरेट हितों के लिए कृषि क्षेत्र को तबाह करने का...

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मनरेगा का कायाकल्प- मिहिर शाह समिति की सिफारिशें

रोजगार के लिए अर्जी देने वाले लोगों को साल में प्रति दिन 100 रुपये की मजदूरी के हसाब से अधिकतम 100 दिन के काम की गारंटी देने वाले कार्यक्रम मनरेगा का योजना आयोग के सदस्य मिहिर शाह की आध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर कायाकल्प होने जा रहा है। उन सिफारिशें का जिक्र नरेगा-2.0 कहलाने वाले महात्मा गांधी नेशनल रुरल एम्पलॉयमेंट गारंटी एक्ट 2005- ऑपरेशनल गाईडलाइन्स नामक...

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पत्थर पर दूध और धान- सहकारिता और नई तकनीक का कमाल

पश्चिमी घाट कहलाने वाली सह्याद्रि पर्वतऋखंला के इलाके में एक गांव है खंबोली। और इस गांव के एक किसान विश्वनाथ की धनखेतियां सुनहली धूप में सोने की तरह चमचमा रही हैं। धनखेतियों के चारो तरफ अमराई है, अमराइयों से ठंढी बयार बहती है, धनखेतियों को आकर दुलार देती है। यों तो भारत के ज्यादातर किसानों की खेती सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है लेकिन इसके उलट विश्वनाथ ने धान...

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पेश होगी महंगाई की असली सूरत

नई दिल्ली [जाब्यू]। असलियत में आम आदमी पर महंगाई का कितना बोझ पड़ता है, इसका पता अब ज्यादा आसानी से चल सकेगा। केंद्र सरकार इस हफ्ते पहली बार देशव्यापी नया उपभोक्ता मूल्य सूचकांक [सीपीआई] जारी करेगी। नया सूचकांक महंगाई की ज्यादा वास्तविक स्थिति बताएगा। माना जा रहा है कि आगे चलकर मौजूदा थोक मूल्य सूचकांक [डब्ल्यूपीआई] के स्थान पर सरकार इस नए सीपीआई को ही लागू करेगी। ब्याज दरों का निर्धारण...

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