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हिमाचल प्रदेश में बढ़ते भूस्खलन की वजह क्या है? लोग सड़कों का विरोध क्यों कर रहे हैं?

-न्यूजक्लिक, हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग 7 पर, सोलन से नाहन हिल स्टेशनों के बीच की यात्रा आंखें खोल देने वाली है। यहां जगह-जगह गिरे हुए पेड़ों के ढेर लगे हुए हैं, परिणाम ये है कि पहाड़ की ढलान नंगी और वीरान नजर आती है, जो झाड़ियों और पेड़ पौधों से रहित हैं जो मिट्टी पर पकड़ बनाने के काम आते हैं। इस सड़क पर दो दिनों तक सफर करने के बाद...

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वंदना कटारिया विवाद: पिछड़ जाने की जलन, पारिवारिक रंजिश और जातिवाद

-न्यूजलॉन्ड्री, सोमवार को भारतीय महिला हॉकी टीम ओलिंपिक में पदक से चूकने के बाद वापस लौटने वाली थी. हालांकि टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था. खिलाड़ियों के स्वागत के लिए सैकड़ों लोग एयरपोर्ट पर जमा हुए थे. इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सैंकड़ों लोगों ने खिलाड़ियों का स्वागत किया. जब यह सब हो रहा था तब टीम की एक अहम सदस्य वंदना कटारिया के गांव में सन्नाटा...

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दुनिया भर में एक नए रोग ने बढ़ाई मुसीबत, भारत नया शिकार

-डाउन टू अर्थ, “माथे पर गोली मारो।” मिजोरम के सूअर पालक पिछले कुछ महीनों से इस आदेश से काफी डरे हुए हैं। हालांकि थानलियाना और उसके तीन बेटों के पास भी कोई विकल्प नहीं था। अप्रैल के बाद से अपने 500 में से 308 सूअरों को “बुखार” में खो देने के बाद उन्होंने आखिरकार थक-हारकर राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग को सूचित किया। इसके बाद 18 जून को राजधानी आईजोल...

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मुसलमान विरोधी नफ़रत की बारिश

-सत्यहिंदी, आसमान गंभीर हो उठा है। मेघाच्छादित आकाश जैसे थम-थम कर रहा हो अपने अंदर कुछ गहरी बात छिपाए हुए। और उमस बढ़ती जा रही है। देह जैसे खुद से आजिज़ आ गई हो। सब कुछ स्थिर है। सामने बेल का वृक्ष। और उसकी बिलकुल शिखर की फुनगियों तक चढ़ आई उसकी टहनियों से लिपटी हुई मालती की बेल। उसके उजले-गुलाबी रंगत लिए हुए फूलों के बुंदे। एक-एक पत्ता, पत्ती जैसे...

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आतंकरोधी कानून/राज्य दर्पण/डरो, डरो, जल्दी डरो

-आउटलुक, पता नहीं, बुजुर्ग आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत ने झकझोरा या नहीं, लेकिन अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा और कई हाइकोर्टों से यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों के दुरुपयोग पर तीखे फैसले आए तो सुलगते सवाल ज्वाला की तरह फूट पड़े। बेशक, हाल के कुछ वर्षों में असहमति और असंतोष को दबाने की खातिर इन कानूनों के दुरुपयोग के मामले बेहिसाब बढ़े हैं,...

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