भुखमरी दूर करने के मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों से भी पीछे है और बीते दो दशकों में भुखमरी से लड़ाई के मोर्चे पर आगे बढ़ने के बावजूद इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। विश्व खाद्य दिवस(16 अक्तूबर) से दो दिन पहले प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2013 नामक रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक)में भोजन की कमी से जूझ रही भारतीय आबादी के बारे में कई महत्वपूर्ण...
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भूख के खिलाफ जंग में अब भी पीछे भारत- अरविन्द मोहन
कायदे से जिस साल भारत में खाद्य सुरक्षा कानून बना है और भोजन के हक पर व्यापक चर्चा हुई, उसमें तो संयुक्त राष्ट्र के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) द्वारा जारी नये हंगर इनडेक्स की भी खूब चर्चा होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछेक अखबारों में थोड़ी विस्तृत और बाकी में हल्के-फुल्के ढंग से खबर छप कर बात समाप्त हो गयी. कुछ लोग इस बात से संतुष्ट दिखे कि...
More »पाकिस्तान और बांग्लादेश से ज्यादा भारत में है भुखमरी
नयी दिल्ली: खुद को उभरती हुई आर्थिक शक्ति मान कर इतराने वाले भारत के लिए शायद यह खबर शर्मनाक है. दुनिया में भुखमरी के शिकार जितने लोग हैं, उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत में रहते हैं. इस मामले में हमारी हालत पाकिस्तान, बांग्लादेश व अन्य पिछड़े मुल्कों से भी खराब है. भुखमरी मापने वाले सूचकांक ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) ने 2011-2013 की अपनी रिपोर्ट में भारत को 63...
More »एक कदम आगे या एक कदम पीछे- संजय कुमार
राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...
More »चालीस करोड़ औरतों का हौसला- सुभाषिनी अली
अभी कुछ दिनों पहले देश के सर्वोच्च निर्वाचित पद के एक प्रत्याशी ने इस पर खेद प्रकट किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री को देहाती औरत कहकर उनका अपमान किया है। अब इस बात की सफाई दी जा चुकी है कि नवाज शरीफ ने ऐसा नहीं कहा, लेकिन अभी तक इसकी सफाई नहीं दी गई है कि प्रत्याशी जी देहाती औरत शब्द को अपमानजनक क्यों मानते हैं। देश की चालीस करोड़...
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