प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधे घंटे से कुछ ज्यादा ही समय तक राष्ट्र को संबोधित किया लेकिन देश यह समझने में असफल रहा कि वे किसे और क्यों संबोधित कर रहे थे. यदि उनके संबोधन का सार ही कहना हो तो कहा जा सकता है कि वे कश्मीरियों के बहाने देश को अपने उस कदम का औचित्य बता रहे थे जिसे वे खुद भी जानते नहीं हैं. वे ऐसा सपना बेचने...
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अनुच्छेद 370: संघ के सपने को पूरा करने के लिए संविधान को तार-तार कर दिया गया-- सिद्धार्थ वरदराजन
भारत में दक्षिणपंथी राजनीति पुराना मिथक रहा है कि जम्मू-कश्मीर को गैर-जरूरी किस्म का संवैधानिक दर्जा मिला हुआ है और वहां की समस्याओं की जड़ संविधान के अनुच्छेद 370 के कारण कश्मीरियों के साथ किया जाने वाला विशेष व्यवहार है. और अब जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही गढ़े गए झूठ को सही साबित करने के लिए इस समस्याप्रद अनुच्छेद को समाप्त कर दिया है,...
More »कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा
बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...
More »पानी के बहाव का आपदा बन जाना-- दिनेश मिश्र
बहते पानी में अगर थोड़ी देर खड़ा रहना पड़ जाए, तो पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगती है, और जब जमीन सिर्फ रेत की बनी हो, तो पानी में संभलना बहुत मुश्किल हो जाता है। जमीन खिसकने का यह मुहावरा ऐसे ही किसी बाढ़ वाले क्षेत्र में ईजाद हुआ होगा। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक बिहार में 12 जिले बाढ़ से त्रस्त हैं, 921 ग्राम पंचायतों में एक...
More »मोदी सरकार के राष्ट्रवाद की असल परीक्षा एसवाईएल कैनाल विवाद को ख़त्म करने में है- योगेन्द्र यादव
जो काम सुप्रीम कोर्ट ने किया है उसे देश के राजनीतिक दलों और राजनेताओं को बहुत पहले कर लेना चाहिए था. कोर्ट ने 9 जुलाई को पंजाब और हरियाणा की सरकारों से कहा कि अपना जल-विवाद बातचीत के जरिये सुलझायें. मैंने इस बाबत कई दफे लिखा है. पहली दफे इस सिलसिले में 2016 में लिखा था और फिर 2017 में भी कि सतलज-यमुना लिंक कैनाल से जुड़ा विवाद एक छोटा...
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