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डोनाल्ड ट्रंप की नयी योजना से धीमी हो सकती है स्टार्टअप इंडिया की रफ्तार!

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के बाद अपने 100 दिनों के कार्यकाल के आखिरी दौर में नया टैक्स प्लान पेश किया है. इसमें उन्होंने बड़ी टैक्स कटौती की है. नये कर प्रस्ताव के तहत कॉरपोरेट कर को मौजूदा 35 फीसदी से घटा कर 15 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा, व्यक्तिगत कर की दरों में महत्वपूर्ण कटौती का प्रस्ताव भी है. अमेरिका में नौकरियों के लिए नये...

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आधी आबादी के बिना कैसे पूरा हो विकास का सपना

गत महीने फेसबुक द्वारा किये एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि भारत में हर पांच में से चार महिलाएं उद्यमी बनने की क्षमता रखती हैं, बशर्ते उनके सशक्तीकरण के प्रयास किये जायें. शोध के मुताबिक यदि अभी से शुरुआत की जाये, तो वर्तमान व्यवसाय और रोजगार के समस्त लक्ष्यों को सिर्फ 52 फीसदी महिलाओं के दम पर ही वर्ष 2021 तक ही पूरा किया जा सकता है. फिर...

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एमएसबीवाई के स्मार्ट कार्ड जुलाई से हो जाएंगे 50 हजार के

रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री राज्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के स्मार्ट कार्ड की राशि 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने की घोषणा की। यह जुलाई से लागू भी हो जाएगी। प्रदेश में एमएसबीवाई कार्डधारियों संख्या 11.39 लाख है। करीब 41 लाख और स्मार्ट कार्डधारी हैं, जिनके पास राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के कार्ड हैं। अब राज्य में ये स्थिति बन रही...

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पंचायती राज से विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए-- नरेन्द्र सिंह तोमर

पंचायती राज व्यवस्था स्थानीय स्वशासन का एक विशिष्ट स्वरूप है। हमारे यहां पंच-परमेश्वर की अवधारणा रही है और हमारी संस्कृति में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। औपनिवेशिक शासन ने हालांकि इस पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम 1992 के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास की जमीन तैयार हुई। 24 अप्रैल को यह ऐतिहासिक संविधान संशोधन लागू हुआ...

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सरकारी शाहखर्ची और बदहाल किसान-- संजीव पांडेय

र्ष 2014 और 2015 भारतीय किसानों के लिए बुरे थे। दो सालों तक लगातार खराब मानसून के चलते देश के ग्यारह राज्यों के ढाई सौ से ज्यादा जिलों में सूखे की स्थिति रही। इस स्थिति में भी बिहार के औरंगाबाद जिले के चिल्हकी गांव के किसान खुशहाल थे। वे आज भी खुशहाल हैं। औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड पर स्थित पिछड़ी जाति बहुल इस गांव की खुशहाली का कारण गांव के ही कुछ...

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