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क़र्ज़ माफ़ी के बावजूद महाराष्ट्र में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की

-द वायर, साल 2017 में घोषित कर्ज माफी समेत अन्य कई कृषि कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद साल 2019 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 3,927 किसानों ने आत्महत्या की. गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हालिया रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है. एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कई सालों से राज्य में हर साल 3500 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है. साल 2016 में देश भर में कुल...

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खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की व्यावसायिक सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य की बात

इस साल (31 अगस्त तक) देश के विभिन्न कोयला खदानों में लगभग 24 जानलेवा दुर्घटनाएँ और 47 गंभीर दुर्घटनाएँ हुई हैं. इसी तरह, 18 जानलेवा दुर्घटनाएँ और 13 गंभीर दुर्घटनाएँ गैर-कोयला खदानों में इस समय अवधि में हुई हैं. कोविड-19 के चलते आई आर्थिक मंदी के कारण इन खदानों में कम मांग और उत्पादन की आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुर्घटना के आंकड़े...

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नये श्रम कानूनों का मक़सद अगर ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग को ही सुधारना है तो ये कमाल के हैं

-सत्याग्रह, संसद में 23 सितंबर को श्रम कानून से जुड़े तीन अहम कोड बिल पास हो गए. सरकार ने बीते साल श्रम सुधार की बात कहते हुए 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर चार कोड बिल तैयार किये थे. इनमें से तीन कोड बिल - औद्योगिक संबंध कोड बिल, सामाजिक सुरक्षा कोड बिल और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा कोड बिल - पिछले महीने के अंत में पास हुए. चौथे कोड...

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कांट्रैक्ट फार्मिंग से किसान या कंपनी किसको फायदा होगा? नए कानून की पूरी शर्तें और गणित समझिए

-गांव कनेक्शन, सरकारी शब्दों में कांट्रैक्ट फार्मिंग- संविदा पर खेती यानी किसान का खेत होगा, कंपनी-व्यापारी का पैसा होगा, वो बोलेगी कि आप ये उगाइए, हम इसे इस रेट पर खरीदेंगे, जिसके बदले आपको खाद, बीज से लेकर तकनीकी तक सब देंगे। अगर फसल का नुकसान होगा तो उसे कंपनी वहन करेगी। कोई विवाद होगा तो एसडीएम हल करेगा। मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश,...

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“हालिया कृषि कानून देश के किसानों के साथ गद्दारी हैं,” किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी

-कारवां, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद में पारित हुए तीन कृषि कानूनों (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020) के खिलाफ आंदोलित हैं. हरियाणा में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं जो पिछले 30 सालों से हरियाणा में किसान आंदोलन...

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