-द प्रिंट, कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को छोटे-मोटे कर्ज की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से आत्मनिर्भर निधि योजना घोषित किए जाने के 10 महीने बाद आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का डेटा दर्शाता है कि निजी बैंक इन स्ट्रीट वेंडर को लोन देने से कतरा रहे हैं. पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर 1 वर्ष की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक की...
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नरेंद्र मोदी के लिए राजनीतिक मुसीबत बन सकती है सरकारी संपत्तियों की थोक बिक्री
-द वायर, राजनीतिक-आर्थिक सुधारों के प्रति रवैये की बात करें, तो 2021 के नरेंद्र मोदी, 2015 के नरेंद्र मोदी से काफी अलग नजर आते हैं. इन दो अलग-अलग रवैयों के पीछे के कारण और प्रेरणाएं अपने आप में अध्ययन का विषय हैं. 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के ड्राफ्ट बजट प्रस्तावों को यहां याद किया जा सकता है. उस समय के सुधारों का केंद्रबिंदु आखिरकार सरकार के नियंत्रण में रह जानेवाले...
More »शुगर इंडस्ट्री और गन्ना किसान एथनॉल क्रांति के जरिये बना रहे भारत में एक ‘मिनी ब्राजील’
-रूरल वॉइस, हरियावां, हरदोई, उत्तर प्रदेश अक्सर राजनीति के केंद्र में रहने वाला चीनी उद्योग और गन्ना उत्पादक किसान मिलकर एक नई इबारत लिख रहे हैं और तेजी से एक महत्वपूर्ण मुकाम की ओर बढ़ रहे हैं। वह मुकाम है एथनॉल उत्पादन के जरिये क्लीन इनर्जी के मामले में देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना, बशर्ते कि केंद्र और राज्य सरकारें नीतियों और कर व्यवस्था के मामले में दीर्घकालिक सोच पर...
More »आत्मनिर्भर खेती की ओर - बाबा मायाराम
“पहले मैं रासायनिक खेती करता था, लेकिन इससे धीरे-धीरे मेरे खेत की मिट्टी जवाब देने लगी, उत्पादन कम होने लगा। इसके बाद मैंने जैविक खेती शुरू की। जैविक खाद व जैव कीटनाशक बनाना सीखा। खेती में अच्छा उत्पादन लिया, मिट्टी में सुधार हुआ। अब मैं दूसरों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षण देता हूं।” यह ओडिशा के सुदाम साहू थे, जो बरगढ़ जिले के कांटापाली गांव में रहते...
More »झज्जर, हरियाणा में रहने वाले जगपाल सिंह फोगाट और उनकी पत्नी, मुकेश देवी मधुमक्खी पालन और शहद की प्रोसेसिंग कर ‘नेचर फ्रेश’ के नाम से ग्राहकों तक पहुँचाते हैं।
-द बेटर इंडिया, लोगों को आज सामान्य खेती में कोई खास भविष्य नजर नहीं आ रहा है। इसलिए, बहुत से किसान परिवार खेती छोड़कर दूसरे रोजगार तलाश रहे हैं। लेकिन वहीं कुछ ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने खेती से जुड़े दूसरे विकल्पों में सफलता तलाशी है। इनका मानना है कि जब देश के बाकी क्षेत्रों में लगातार बदलाव हो रहे हैं तो कृषि क्षेत्र क्यों पीछे रहे? कृषि को भी आधुनिक...
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