जनसत्ता 14 मार्च, 2013: कोई भी बदलाव डरावना होता है। खासकर वैसा बदलाव, जो राजनीति और यौन भूमिका दोनों को प्रभावित करता है। सोलह दिसंबर को दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार कांड के व्यापक विरोध ने देश में एक चिनगारी सुलगा दी है। पुरुषों की हर तरह की हिंसा को खत्म करने के लिए स्त्रियों के आंदोलन की मांग लगातार होती रही है। विरोध-दर-विरोध में युवतियों का साथ युवक भी दे...
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असरदार फनकारों के चमत्कार- शांतनु गुहा रे
अपनी तिकड़मों और पहुंच के ज़रिए हर सरकारी ताले को खोलने की क्षमता और हर लाल फीते की काट रखने वाले असरदार लोगों की सर्वव्यापी मगर अदृश्य दुनिया...शांतनु गुहा रे की रिपोर्ट . पिछले महीने का एक शांत मंगलवार. मध्य दिल्ली के एक पांच सितारा होटल की सबसे ऊपरी मंज़िल. रेस्टोरेंट की दर्जनों मेजों में से सिर्फ चार पर ही लोग नज़र आ रहे हैं. एक मेज पर एक पूर्व वरिष्ठ...
More »बेरोजगारी
एक नजर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगातार ऊंची बनी होने के बावजूद भारत अपनी ग्रामीण जनता की जरुरत के हिसाब से मुठ्ठी भर भी नये रोजगार का सृजन नहीं कर पाया है। नये रोजगारों का सृजन हो रहा है लेकिन यह अर्थव्यवस्था के ऊंचली पादान के सेवा-क्षेत्र मसलन वित्त-जगत, बीमा, सूचना-प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के दम पर चलने वाले हलकों में हो रहा है ना कि विनिर्माण और आधारभूत ढांचे के...
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