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11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोई नेत्र बैंक नहीं है: आरटीआई

द वायर, 5 अक्टूबर  गोवा और जम्मू कश्मीर समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अभी तक कोई नेत्र बैंक नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि अकेले ऐसे बैंकों का होना उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता है क्योंकि विशेष रूप से कोविड-19 महामारी को देखते हुए नेत्र दाताओं की मांग में वृद्धि हुई है. मध्य प्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़...

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जम्मू कश्मीर: सेब के हज़ारों ट्रक हाईवे पर फंसने के चलते करोड़ों की फसल सड़ने की कगार पर

द वायर, 30 सितम्बर एप्पल फारमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफएफआई) ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से एक शिकायत में कहा है कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनियंत्रित यातायात के कारण घाटी के सेब किसानों को भारी नुकसान हुआ है. द हिंदू के मुताबिक, देश के विभिन्न बाजारों में भेजे जाने वाले करीब 5,000 सेब से भरे ट्रक राजमार्ग पर फंसे हुए हैं और किसानों को डर है कि इससे न...

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लंपी त्वचा रोग का कहर देश के कई राज्यों पर, क्या है वजह एक्सपर्ट बता रहे हैं इलाज?

क्विंट हिन्दी, 15 सितम्बर भारत के आठ राज्यों में लंपी त्वचा रोग तेजी से मवेशियों में फैल रहा है. इसकी वजह से जुलाई से अब तक हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है. लंपी वायरस का प्रकोप देश के कई राज्यों जिनमें शामिल हैं, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है. इन राज्यों में अब...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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