वह भीषण गर्मी का महीना था, साल 1998, तारीख थी 11 मई, उस दिन पोखरण में ‘बुद्ध मुस्कराए’ थे. इस मुस्कुराहट का स्वाभाविक परिणाम यह हुआ कि दुनिया के तमाम ताकतवर देश मुस्कराना भूल गए. आनन-फानन में कई प्रतिबंध भारत पर लगा दिए गए. अमेरिकी दबाव इस कदर था कि भारत के पुराने दोस्त रूस ने भी हमें क्रायोजनिक इंजन देने से मना कर दिया. उस समय भारत के प्रधानमंत्री...
More »SEARCH RESULT
अब एक फोन कॉल से ही किसान जान जाएगा अपने खेत के मौसम का हाल
नई दिल्ली: दिनभर खेत पर कैसा मौसम रहेगा, बारिश होगी या नहीं इसकी जानकारी अब किसान फोन पर ले सकेंगे. फोन से कृषि विशेषज्ञों से बात करने के बाद किसान अपने खेत में बुआई, जुताई और कटाई कर सकेंगे. इसकी शुरुआत कृषि मंत्रालय अगस्त माह से तीन राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में शुरू करने जा रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए हाल ही में एक प्रमुख आईटी कंपनी...
More »निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कवरेज भी घटा !
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बजट-आबंटन अंतरिम बजट (2019-20) में घट गया है. एक तथ्य यह भी है कि फसल बीमा योजना पिछले दो सालों से अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रही है. बजट-आबंटन घटने की एक वजह यह भी हो सकती है. साल 2017-18 की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति बताने वाले दस्तावेज में कहा गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाय) की कवरेज सकल फसलित क्षेत्र...
More »मध्यप्रदेश / 12 शहर ठंड से ठिठुरे; फसलों के नुकसान पर मुख्यमंत्री ने कहा- किसान भाई सरकार आपके साथ
भोपाल. प्रदेश में शीतलहर और कड़ाके की ठंड अब जानलेवा बन गई है। चाहे वह इंसान हो या खेतों में लहलहाती फसल। नुकसान दोनों को हो रहा है। भोपाल, इंदौर और देवास समेत प्रदेश के दस जिलों में पाला पड़ने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उधर, अशोकनगर और खरगोन में ठंड की वजह से दो लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पाला से प्रभावित हुई फसल...
More »कृषि जोतों के आकार में कमी चिन्ता का सबब: नई कृषि जनगणना
खेती-किसानी के मोर्चे से एक बुरी खबर आयी है. नयी कृषि जनगणना के आंकड़ों का संकेत है देश में कृषि जोतों का औसत आकार लगातार कम हो रहा है.(आंकड़ों के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) साल 2010-11 में कृषि जोतों का आकार 1.15 हेक्टेयर(राष्ट्रीय औसत) था जो पांच साल बाद 2015-16 में घटकर 1.08 हेक्टेयर हो गया है. कृषि-जोतों के आकार में कमी लागत और व्यावहारिकता के तकाजे से चिन्ता...
More »