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RTI कार्यकर्ता को PMO ने नहीं दिया चाय-नाश्ते के खर्च का ब्योरा

भोपाल (स्टेट ब्यूरो)। केजरीवाल सरकार में चाय-नाश्ते पर खर्च को कॉमनवेल्थ घोटाले जैसा बताने वाली भाजपा की केंद्र सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय में चाय-नाश्ते के खर्च का ब्यौरा नहीं रखती है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के आवेदन पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि सरकारी खातों में यह ब्यौरा नहीं रखा जाता है, इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय और निवास में चाय-नाश्ते पर खर्च की कोई जानकारी नहीं दी जा सकती। एक आरटीआई आवेदन...

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तेल के अर्थशास्त्र में उलझा देश-- दीपक नैय्यर

पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें इन दिनों खबरों में हैं। मई के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य लगातार 16 बार बढ़े। 28 मई को तो ये पिछले चार वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर पर जा पहुंचे थे। हालांकि 29 मई को प्रति लीटर एक पैसे की कमी की गई थी, जिसे मजाक ही कहा जा सकता है। इसके बाद 5 जून तक हर दिन इसकी कीमतें कुछ-कुछ...

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वित्त आयोग की शर्तों पर विवाद-- अश्विनी महाजन

केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय बंटवारे हेतु संवैधानिक व्यवस्था के नाते 15वें वित्त आयोग का गठन हो चुका है. एनके सिंह को उसका अध्यक्ष बनाया गया है. 9वें वित्त आयोग तक वित्त आयोग संविधान में अंकित विभिन्न बंटवारे योग्य करों के केंद्र और राज्यों के बीच बांटने और विभिन्न राज्यों के बीच भी बांटने हेतु सिफारिश देता रहा है. लेकिन, 9वें वित्त आयोग की सिफारिशों में एक फाॅमूर्ले की...

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संघवाद पर लगी ताजा चोट--डॉ टीएम थॉमस इसाक

राजव्यवस्था का एक सामान्य सिद्धांत है कि वित्तीय संसाधनों का सबसे सही आवंटन सरकार का वह स्तर करता है, जो लाभुकों से सर्वाधिक निकटस्थ होता है, जबकि संसाधनों के बेहतरीन संग्रहण की अपेक्षा सरकार के उस स्तर से की जाती है, जो करदाताओं से सर्वाधिक सुदूर स्थित है. इसलिए सभी सहयोगात्मक संघीय व्यवस्थाओं में कराधान की शक्ति सामान्यतः केंद्र सरकार के पास केंद्रित रहती है, जबकि व्यय का भार...

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किसानों से छलावा : फसल बीमा का लाभ मिला महज 35 पैसे

अहद खान, झाबुआ। खरीफ 2016 की फसलों के लिए किए गए फसल बीमा की क्लेम राशि किसानों के खातों में जमा कर दी गई है। जिले में लगभग 1500 किसानों को इसका लाभ दिया गया। वैसे इसे लाभ कहना ठीक नहीं होगा। जिले में किसानों के साथ ऐसा छलावा हुआ कि वो समझ नहीं पा रहे क्या किया जाए। किसानों के साथ धोखे को इसी बात से समझा जा सकता...

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