-कारवां, 16 जुलाई तक बिहार में कोविड-19 मामलों की संख्या दोगुनी होकर 20612 तक पहुंच गई थी. संक्रमित लोगों में राज्य और राजनीतिक प्रतिष्ठान के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल है जिसके चलते महामारी को लेकर राज्य की प्रतिक्रिया धीमा हो रही है. यह तब है जब परीक्षणों के मामले में राज्य सबसे कम परीक्षण करने वाले राज्यों में गिना जा रहा है. परीक्षण का राष्ट्रीय औसत 9289 प्रति 10 लाख है...
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पश्चिमी दुनिया पर तारी पुतिन का प्रेत
-न्यूजलॉन्ड्री, कुछ दिन पहले एक लेख में रूसी विद्वान प्रोफ़ेसर सर्गेई कारागानोव ने कहा है कि पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों को यह पता नहीं है कि बिना शत्रु के कैसे रहा जा सकता है. इस बात को समकालीन संदर्भ में समझने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध पश्चिम के रवैये को देखा जाना चाहिए. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा है कि रूस ने पिछले साल के ब्रिटिश...
More »लॉकडाउन में सेक्स वर्कर: ‘काम नहीं, पुलिस के कारण कोई मदद भी नहीं’
-द क्विंट, देश की राजधानी दिल्ली के जीबी रोड इलाके में बड़ी तादाद में महिला सेक्स वर्कर्स रहती हैं. कोरोना वायरस और उसके बाद लगे लॉकडाउन की वजह से उन पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है. जीबी रोड के इलाके में करीब 3000 सेक्स वर्कर्स रहती हैं. इनके पास रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. क्विंट ने इनमें से कुछ सेक्स वर्कर्स से बात की और उनका हाल-चाल जाना. सुधा...
More »जून में राष्ट्रीय महिला आयोग को महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की सर्वाधिक शिकायतें मिलीं
-द वायर, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को जून में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 2,043 शिकायतें मिली हैं और यह संख्या पिछले आठ महीने में सर्वाधिक है. एनसीडब्ल्यू के अनुसार, केवल जून में घरेलू हिंसा की 452 शिकायतें मिलीं. कुल 2,043 शिकायतों में से मानसिक एवं भावनात्मक उत्पीड़न की 603 शिकायतें मिलीं और इन मामलों को सम्मान के साथ जीने के अधिकार के तहत दर्ज कराया गया. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल सितंबर...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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