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गेहूं खरीद की रफ्तार हुई सुस्त, 261 लाख टन पर पहुंची

 रूरल वॉयस, 24 मई   केंद्रीय और राज्यों की एजेंसियों की ओर से की जा रही गेहूं की सरकारी खरीद की रफ्तार सुस्त हो गई है। चालू मार्केटिंग सीजन 2023-24 के 21 मई तक गेहूं खरीद 341.50 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 261.44 लाख टन पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले मार्केटिंग सीजन 2022-23 की इसी अवधि तक 181.58...

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गेहूं खरीद 259 लाख टन के पार, पंजाब में सबसे ज्यादा 46 फीसदी की हुई खरीद

रूरल वॉयस, 19 मई गेहूं की सरकारी खरीद चालू मार्केटिंग सीजन 2023-24 में 259 लाख टन को पार कर गई है। इसमें करीब 46 फीसदी योगदान पंजाब का है जहां 120 लाख टन गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों की ओर से की गई है। हालांकि, यह 341.5 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले अभी भी काफी पीछे है। गेहूं खरीद का अब अंतिम चरण चल रहा है। ऐसे में इस बात...

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थोक महंगाई शून्य से नीचे आई, 34 महीने बाद निचले स्तर पर पहुंची

रूरल वॉयस, 15 मई खाद्य उत्पादों, खनिज तेलों, बुनियादी धातुओं की कीमतों में गिरावट के चलते लगभग तीन वर्षों में पहली बार थोक महंगाई घटकर शून्य से नीचे पहुंच गई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में थोक मूल्य आधारित महंगाई की दर गिरकर (-) 0.92 फीसदी पर पहुंच गई। मार्च में थोक महंगाई 1.34 फीसदी थी। जून 2020 के बाद...

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चारा संकट की जड़ें, भाग एक: हरित क्रांति के समय से शुरू हो गई थी समस्या

डाउन टू अर्थ, 15 मई  भारत विश्व की 20 प्रतिशत पशुधन आबादी के साथ सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन के अनुसार, यहां के 70 प्रतिशत परिवार आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि एवं इससे जुड़े व्यवसाय पर निर्भर हैं। पशुपालन आदि काल से ही मानव सभ्यता के साथ जुड़ा रहा है, परंतु पिछले कुछ सालों में चारे की बढ़ती...

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'भारत को कृषि के लिए एक पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए'

इंडियास्पेंड, 11 मई  पी.एस. विजयशंकर धारणीय खेती और जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं। वह कहते हैं कि1960 के दशक में भारत की हरित क्रांति द्वारा लाई गई उत्पादन-केंद्रित कृषि, उच्च उपज वाले बीजों, उर्वरकों और भूजल के अत्याधिक उपयोग से भारत को 1970 के दशक तक खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद तो मिली, लेकिन इसने मृदा स्वास्थ्य, भूजल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का काफी नुकसान भी किया। भारत को...

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