मुट्ठी भर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे, आपके देश की जनता यही खा रही है। पिछले दिनों जब विश्व के भुखमरी सूचकांक (हंगर इंडेक्स) में 119 देशों में भारत के सौवें स्थान पर होने के बारे में पढ़ा तो 1963 का नेहरू-लोहिया का वह प्रसंग जीवंत हो गया, जिसमें लोहिया ने तीन आने बनाम पंद्रह...
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ताजा भूख सूचकांक में भारत-- सुभाष गताड़े
आज वर्ल्ड फुड डे (विश्व अन्न दिवस) है, जिसके जरिये भूख के खिलाफ मानवता के संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी जानी है. इस दिवस पर भारत में भी सरकारी स्तर पर आयोजन होते हैं. विडंबना ही है कि भारत में बढ़ती भूख के ताजा आंकड़े इस पूरी आपाधापी में कुछ बेसुरे ही मालूम होंगे. क्योंकि, हाल में दो अलग-अलग रिपोर्टों ने भारत में विकराल होती भूख की समस्या पर...
More »नकदी के जरिये कुपोषण से लड़ाई--- आलोक कुमार
हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकडे़ हमारा उत्साह नहीं बढ़ाते, खासकर तब, जब हम इनको भारत की आर्थिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। भारत में प्रत्येक तीसरा शिशु कुपोषित है और मातृत्व-काल की हरेक दूसरी महिला अनीमिया से ग्रसित है। और ऐसा तब है, जब हम कुपोषण से सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं- स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये, स्वच्छता के...
More »विकास सूचकांक में पिछड़ने की टीस--- जयश्री सेनगुप्ता
वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
More »झारखंड की संभावनाओं भरी राह-- अलख नारायण शर्मा
एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....
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