किसानों के ऊपर जब भी बात की जाती है तब उस बातचीत का दायरा इतना संकीर्ण क्यों हो जाता है ? सिर्फ ‘पुरुष’ किसान को ही किसानों का एकमात्र प्रतिनिधि मान लिया जाता है। ऐसा क्यों ? तमाम अखबारों से लेकर टीवी चैनलों के चित्रपटों पर ‘पुरुष’ किसान ही पूरे कृषक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। क्या इस देश की खेती–बाड़ी में महिलाओं का कोई योगदान नहीं है...
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पंजाब: फ़सलों की तबाही व क़र्ज़ की दोहरी मार झेलते किसान
पारी हिंदी, 14 सितम्बर बलदेव कौर (70) ने ज़मींदोज़ हो चुके मकान के मलबों के बीच से किसी तरह अपना रास्ता बनाया. ये मलबे उनके खेत में बने उस मकान के थे जो कभी उनके परिवार का घर हुआ करता था. कमरों की जो दीवारें अभी भी खड़ी थीं उनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी थीं. “जब धुआंधार बारिश हो रही थी और छत पर ओले गिर रहे थे, तो वह पूरी रात...
More »राजस्थानः 2021 में तस्करों से बचाई गई हथिनी को पुनर्वास का इंतजार
मोंगाबे हिंदी, 13 सितम्बर राजस्थान में, 500 दिन पहले तस्करों से बचाई गई एक हथिनी अभी भी पुनर्वास के लिए उचित जगह का इंतजार कर रही है। इसकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही है। दरअसल जहां इसे रखा गया है वहां बचाए गए हाथियों के इलाज के लिए उचित सुविधा नहीं है। अधिकारियों को नहीं पता कि आगे क्या होगा। 18 नवंबर, 2021 को, राजस्थान के वन विभाग ने राज्य की...
More »कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
More »दिल्ली-एनसीआर में क्यों धंस रही है जमीन?
डाउन टू अर्थ, 14 अगस्त “कापसहेड़ा की सभी आवासीय सोसायटी भूजल दोहन करती हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि इससे हमारी जमीन धंस जाएगी।” यह कहना है, भू-धंसाव से क्षुब्ध दक्षिण-पश्चिम दिल्ली की सूर्या विहार हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश गेरा का। उनकी सोसायटी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बमुश्किल 10 किमी की दूरी पर है। 2014 में सोसायटी की पार्किंग के एक खंभे में दरार आ गई थी। 2019...
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