SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 200

आइटी उद्योग के स्याह पहलू-- अभिषेक कुमार

एक वक्त था जब देश में हुई आइटी क्रांति ने रोजगार को पंख लगा दिए थे। एक ऐसे दौर में, जब देश का पढ़ा-लिखा नौजवान कोई मामूली वेतन वाली नौकरी करने या फिर बेरोजगार रहने को मजबूर था, आइटी क्रांति की बदौलत देश-विदेश में उम्दा रोजगार का हकदार बना था और अपनी प्रतिभा का परचम लहराया था। पर अब एक के बाद एक, इस क्षेत्र के लिए बुरी खबरें आ...

More »

2जी घोटाला : नाकाम एजेंसियां-- आशुतोष चतुर्वेदी

पिछले दिनों एक चौंकाने वाला फैसला आया. अब तक जिस मामले को देश के इतिहास का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला माना जा रहा था, उसमें कोई दोषी साबित नहीं हुआ. सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत ने कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित करने में नाकाम रहे. इसके पहले तत्कालीन लेखा महानियंत्रक विनोद राय ने स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया...

More »

मानदेय घोटाला : 14 अफसरों के खिलाफ होगी एफआईआर

भोपाल। महिला एवं बाल विकास विभाग ने राजधानी के आठ परियोजना अधिकारी व छह लिपिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन पुलिस को दिया है। सभी पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के नाम पर दोहरा मानदेय निकालने का आरोप है। इन अफसरों ने तीन साल में ढाई करोड़ रुपए गलत तरीके से निकाल लिए थे। पुलिस ने मामला जांच में ले लिया है। मामले की प्रारंभिक जांच के बाद ही...

More »

बैंकों के दिवालिया होने पर समग्रता से निपटने की दरकार

फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल को संसद की संयुक्त समिति को अपनी सिफारिशों के लिए दे दिया गया है. पिछले एक महीने से यह बिल एकाएक सोशल मीडिया, अखबारों और टीवी पर बहस का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है. व्यक्तिगत, कंपनियों, साझेदारी फर्मों तथा अन्य हस्तियों के मामले में दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए अभी पिछले ही साल संसद में ‘दी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी एक्ट' पारित...

More »

कुप्रबंधन की थाली में फिर से न परोसा जाए पोषाहार!-- आशीष व्यास

'ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2016" के अनुसार मध्यप्रदेश की स्थिति बच्चों के कुपोषण-भूख के मामलों में चिंताजनक है। श्योपुर में कुपोषण से 2016 में 55 बच्चों की मौत हुई थी। इस साल भी तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। माना जाता है कि प्रदेश में सिर्फ 23 प्रतिशत बच्चे ही आंगनवाड़ियों में दर्ज हैं और इन्हीं के जरिए बच्चों के लिए पोषाहार की व्यवस्था की जाती है। पांच वर्ष...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close