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संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढ़ियों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं

-इंडिया टूडे, बीसवीं सदी की महामंदी, 1991 के भारतीय आर्थिक संकट और 2008 की ग्लोबल बैंकिंग आपदा का इतिहास हमें कुरेद-कुरेद कर बताता है कि अंतत: वही जीतते हैं जो एक अच्छी आपदा को बर्बाद नहीं करते. संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढि़यों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं. बड़े बदलाव के लिए किसी बड़े संकट का इंतजार था तो मुराद अब पूरी हो गई है. संकट में...

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कोरोनावायरस संकट के बीच जीवन ही नहीं अब जीविका बचाना भी हो गया है जरूरी

-द प्रिंट, कोरोनावायरस त्रासदी के बीच अब वक्त आ गया है कि जीवन बचाने के साथ जीविका बचाने पर भी सोचा जाये क्योंकि बिना जीविका, जीवन अर्थहीन सा हो जाता है. अगर आपको लगता है कि ये बात करना अभी जल्दबाजी है तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि अगर अभी ये सोचना नहीं शुरू किया गया तो देश में भुखमरी, अपराधों और आत्महत्याओं से हुई मौतों की तादाद कोरोना से...

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चाय की कीमतों में गिरावट, निर्यात भी ठप, कारोबारी बोले- आने वाला समय चाय उद्योग के लिए ठीक नहीं

-गांव कनेक्शन, दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की वजह से भारतीय चाय की कीमतों में भारी गिरवाट आयी है और निर्यात लगभग ठप हो चुका है। कम कीमत और बढ़ती लागत से जूझ रहे देश के चाय बागान मालिकों के सामने एक और मुश्किल आ खड़ी हुई है। ईरान, चीन और जर्मनी भारतीय चाय के बड़े खरीदार देश हैं। इनमें से चीन और ईरान ने अपने देश में चाय आयात को...

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कोरोना वायरस: किसान और पोल्ट्री उद्योग को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान

-आउटलुक, ब्रायलर, चिकन से कोरोना वायरस फैलने की अफवाहों के कारण पोल्ट्री उद्योग करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। पोल्ट्री किसानों को तो नुकसान हो ही रहा है, उद्योग से जुड़े लोगों की आजीविका पर भी संकट छा गया है। इसलिए विशेषज्ञ सरकार से आगे आने और जरूरी कदम उठाने की बात कर रहे हैं। कृषि अर्थशास्त्री और पोल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया के एडवायजर विजय सरदाना ने...

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यहां सिर्फ छह हजार में बिकते हैं पहाड़, मुफ्त में बटोर सकते हैं करोड़ों साल पुराने फॉसिल्स

करमपुरातो हटिया में हमारी मुलाकात पहले जुगल पहाड़िया और फिर जिन परो से हुई. जुगल पहाड़िया ने तो साफ इनकार कर दिया कि वे पहाड़ बेचते हैं. उनका कहना था कि पहाड़ बेचने से पहाड़ खराब हो जाता है. इसलिए हम उसे नहीं बेचते, घर चलाने के लिए जंगल से लकड़ी बिन कर लाते हैं. मगर जिन परो ने कहा उनके पास 250 एकड़ का पहाड़ है, वे छह हजार...

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