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वायनाड के आदिवासी छात्रों ने शिक्षा में संस्थागत भेदभाव के खिलाफ उठाई आवाज

-कारवां, केरल का आदिवासी समुदाय हमेशा से ही माध्यमिक और उच्च शिक्षा के मामले में बड़े नुकसान में रहा है और कोविड-19 महामारी के समय में आदिवासी छात्रों के सामने आने वाली मुश्किलें बढ़ गई हैं. केरल में स्कूलों और कॉलेजों ने डिजिटल क्लास लेनी शुरू की है लेकिन अक्सर आदिवासी और दलित छात्रों के लिए इस रूप में पढ़ाई कर सकना लगभग असंभव है. समाज के हाशिए पर रहने वाले...

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मीडिया रिपोर्ट्स में हाथरस मामले में ‘नक्सल एंगल’ का संकेत, मध्य प्रदेश की यह महिला है आरोपों की वजह

-द प्रिंट, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता के घर में रहने वाली और कथित तौर पर खुद को परिवार का सदस्य बताने वाली एक महिला के सामने आने के बाद इस केस में एक संदिग्ध ‘नक्सली लिंक’ खोज निकाला है. नए आरोप ऐसे समय सामने आए हैं जब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ से लेकर हाथरस मामले की जांच का जिम्मा खुद संभाल लिया है. पुलिस...

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झारखंड में स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी का विरोध, ज्यां द्रेज ने कहा- ये मनमानी कार्रवाई

-न्यूजक्लिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मुंबई की टीम ने 83 साल के सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को गुरुवार रात झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम स्थिति उनके घर से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में हुई है। उनपर राजद्रोह की धारा लगाई गई है और यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है। आज शुक्रवार सुबह उन्हें विमान से मुंबई ले जाया गया, जहां विशेष एनआईए अदालत...

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जैविक खेतीः सामूहिक प्रयास ज्यादा मुनाफा

-इंडिया वाटर पोर्टल, देश में कृषि सुधार विधेयक पर जमकर घमासान मचा हुआ है। सरकार जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक और किसानों के हक़ में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी विधेयक बता कर इसका पुरज़ोर विरोध कर रहा है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है, जिनकी सहमति के बाद विधेयक लागू हो...

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सब पर शक करो, सबको रास्ते पर लाओ! क्या यही हमारे नये ‘राष्ट्रीय शक्की देश’ का सिद्धांत बन गया है

-द प्रिंट, क्या हमारा दिमाग खराब हो गया है कि हम अपने देश को ‘राष्ट्रीय शक्की देश’ कह रहे हैं? अब आप गूगल में सर्च करने लगेंगे तो यह जुमला कहीं नहीं मिलेगा. यह वैसा मामला नहीं है जैसा हम पाकिस्तान और चीन को ‘नेशनल सिक्यूरिटी स्टेट’ (राष्ट्रीय सुरक्षित राज्य) कहते हैं, जहां क्रमशः फौज और पार्टी न केवल देश की सीमाओं की निगरानी करती है बल्कि राज्यतंत्र और नागरिकों की...

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