वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
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गंगा योजना के विरोधाभास- अनिल प्रकाश
जनसत्ता 19 जुलाई, 2014 : केंद्र की नई सरकार के तीन-तीन मंत्रालय गंगा नदी से जुड़ी समस्याओं पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी, राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व-काल में, गंगा सफाई योजना पर बड़े शोर-शराबे के साथ काम शुरू हुआ था। गंगा ऐक्शन प्लान बना। मनमोहन सिंह सरकार ने तो गंगा को राष्ट्रीय नदी ही घोषित कर दिया। मानो पहले यह राष्ट्रीय नदी न रही हो। अब तक लगभग बीस...
More »मोटे अनाज की खेती से बहुरे किसानों के दिन
किसानों के लिए वह स्थिति और भी कष्टदायी होती है, जब मॉनसून फेल हो जाने या कम वर्षा होने के कारण वह सही तरीके से धान की फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में उन्हें खेती के दूसरे विकल्प को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खेती के लिए फसल के दूसरे विकल्पों में मक्का तथा मडुवा के...
More »हम गंदा न करें तो साफ ही है गंगा - अनिल प्रकाश
केंद्र की नई सरकार ने गंगा नदी से जुडी समस्याओं पर काम करने का फैसला किया है। तीन-तीन मंत्रालय इस पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में गंगा की सफाई की योजना पर बड़े शोर-शराबे के साथ काम शुरू हुआ था। गंगा एक्शन प्लान बनाया गया था। मनमोहन सिंह सरकार ने भी गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कर दिया। लेकिन अब तक लगभग...
More »जैविक खेती का रकबा भारत में घटा, दुनिया में बढ़ा
पूरी दुनिया में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा है लेकिन भारत में जैविक खेती के रकबे में कमी आई है।इस बात का खुलासा द वर्ल्ड ऑफ आर्गेनिक एग्रीकल्चर- स्टैटिक्स एंड इमर्जिंग ट्रेन्ड्स नामक नई रिपोर्ट में किया गया है। (देखें नीचे दी गई लिंक) रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 से 2012 के बीच भारत में जैविक खेती के रकबे में तकरीबन 5.84 लाख हैक्टेयर(तकरीबन 54 प्रतिशत) की कमी आई है और जैविक खेती के रकबे के मामले में भारत...
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