मुंबई। रीयल एस्टेट क्षेत्र तेज आर्थिक विकास का एक अहम इंजन है। ऐसे में बिल्डरों को सरकारी सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय उन्हें बाजार अर्थव्यवस्था में फलना-फूलना सीखना चाहिए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आवास क्षेत्र के एक सम्मेलन में रीयल एस्टेट डेवलपरों को यह कड़वी नसीहत दे डाली। जेटली ने यहां क्रेडाई-बैंकॉन समिट में अपने संबोधन में कहा कि इस कारोबार से मंदी का दौर...
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गांवों में शहरों से ज्यादा महंगाईः एचएसबीसी
नई दिल्ली। यह जानकर हैरानी होगी कि शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में महंगाई ज्यादा है। खुदरा कीमतों के हिसाब से ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 6.5 फीसदी है, जबकि शहरी इलाकों में केवल 4.5 फीसदी। देश में फिलहाल औसत महंगाई दर 5.5 फीसदी है, जो रिजर्व बैंक के 6 फीसदी लक्ष्य से कम है। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में महंगाई रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊपर पहुंच गई है। ग्लोबल...
More »हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव
भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...
More »किसानों को चाहिए सुरक्षा कवच- बी के चतुर्वेदी
विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...
More »विकास का नया भारतीय मॉडल - वीएन कौल
इस बात का अपने आपमें एक प्रतीकात्मक महत्व था कि नीति आयोग 1 जनवरी 2015 को अस्तित्व में आया। यह नए साल में नई सरकार के नए दृष्टिकोण को दर्शाने वाला कदम था। नीति आयोग ने जिस योजना आयोग की जगह ली, उसका मूल विचार प्रो. मेघनाद साहा के दिमाग की उपज था, जिन्होंने वर्ष 1938 में समाजवादी शैली में संचालित होने वाली एक राष्ट्रीय योजना समिति की परिकल्पना की...
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