डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
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हिमालय पर संकट: आपदाओं पर अंकुश के लिए पारंपरिक ज्ञान और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जरूरी
डाउन टू अर्थ, 11 अक्टूबर हिमालय में बढ़ती आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए ग्राम पंचायतों और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर योजनाएं बनानी होंगी और स्थानीय लोगों के पारंपरिक ज्ञान को आधार बनाना होगा। हिमालय के पर्यावरण पर काम कर रही संस्था हिमधरा पर्यावरण समूह द्वारा ‘हिमालय में आपदा-निर्माण’ नामक रिपोर्ट का सारांश यही है। यह रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2023 को जारी की गई। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन के...
More »झारखंड में अवैध बालू खनन के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित, जानिए क्या है पूरा मामला
डाउन टू अर्थ, 10 अक्टूबर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 26 सितंबर, 2023 को तीन सदस्यीय समिति को निर्देश दिया है कि वो झारखंड में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध रेत खनन के आरोपों की जांच करे। गौरतलब है कि आठ सितंबर, 2023 को प्रभात खबर में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट में 796 स्थलों पर किए जा रहे रेत खनन का उल्लेख किया था। भले ही वहां केवल 27 स्थानों...
More »उत्तराखंड में बढ़ती आपदाएं, विशेषज्ञों ने सरकारी लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया
दून विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी ने जलवायु परिवर्तन, बाढ़, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार मशीनरी की तैयारियों का अध्ययन करने के लिए एक राउंड टेबल सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर पर्यावरणविद् एवं हेस्को के संस्थापक अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में जो रहा है, वो "कॉमन्स की त्रासदी" है। उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र...
More »क्या बिना सहमति के चल रहा है इफको का अमोनिया संयंत्र, एनजीटी ने जांच के दिए निर्देश
डाउन टू अर्थ, 20 सितम्बर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा किए गए प्रदूषण के आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय निरीक्षण समिति के गठन का निर्देश दिया है। मामला उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के फूलपुर का है। कोर्ट के निर्देशानुसार इस संयुक्त निरीक्षण समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) और प्रयागराज के जिला...
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