SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 60

ग्रामीणों ने किया ऐलान, नहीं देंगे जमीन, खुद निकालेंगे कोयला

रायगढ़ (निप्र)। तमनार ब्लॉक में इन दिनों कोल ब्लॉक आबंटन प्रक्रिया के साथ ही ग्रामीणों का आक्रोश तेजी से पनप रहा है। दरअसल दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है की तर्ज पर ग्रामीण अब किसी के झांसे में आने को कतई तैयार नहीं हैं। लगातार औद्योगिक घरानों व स्थानीय प्रशासन की अपेक्षा का शिकार होने के बाद अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। तमनार क्षेत्र...

More »

स्मार्ट सिटी में प्राइवेट डेवलपर्स को मिलेंगे मौके, सरकार देगी टैक्‍स रियायतें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 100 स्मार्ट सिटी बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का नया प्‍लान जल्द ही आएगा। यह जानकारी बुधवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव शंकर अग्रवाल ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स को दी। अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी में भागीदारी करने वाले डेवलपर्स को सरकार प्रोत्साहन और टैक्‍स रियायतें देगी। रियल एस्टेट सेक्टर के जानकारों का कहना है कि टैक्‍स रियायत और प्रोत्साहन मिलने से...

More »

वे जो आत्महत्या करते हैं..!

गैर-शादीशुदा लोगों में आत्महत्या की प्रवृति विवाहितों की तुलना में ज्यादा होती है - प्रसिद्ध किताब ‘स्यूसाइड’ में एमिल दुर्खाईम का एक निष्कर्ष यह भी था। आत्महत्या का आधार सामाजिक स्थितियों में देखने वाले दुर्खाइम के इस कथन से उनके हमवतन अल्बेयर कामू शायद ही सहमत हों। कामू आत्महत्या को एक “अबूझ दार्शनिक पहेली ” मानते थे। लेकिन बात नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के एक्सीडेंटल डेथ्स एंड स्यूसाइड इन इंडिया नामक...

More »

एक खबर जिसकी हत्या हुई - चंदन श्रीवास्तव

बात आत्महत्या से संबंधित खबरों की हो, तो अपने देश के अखबार आत्महत्या का सामाजिक आधार खोजते हुए शादी-ब्याह तक पहुंचते हैं और यह बताते हैं कि भारत में आत्महत्या कुंवारों से ज्यादा शादीशुदा लोग कर रहे हैं. वर्षो से यही चलन जारी है. इस साल भी एक अखबार ने सुर्खी लगायी है कि ‘शादीशुदा लोगों में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति ज्यादा!' और पाठकों को ज्ञान दिया है कि ‘देश...

More »

गांव-देहात व किसान से वास्ता नहीं- केसी त्यागी

आम बजट और रेल बजट को देख कर यह सहज रूप से कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार बजट के पीछे राजनीति कर रही है. राजनीति इस अर्थ में कि जो भाजपा कहती है, वह करती नहीं है. जो वादा करती है, उसके पीछे उसकी मंशा क्या है, तथा आम आदमी के प्रति वह कितनी हमदर्द है, वह आम बजट और रेल बजट से साबित हो गया है. सरकार...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close