जलवायु परिवर्तन की समस्या अब मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा संकट बन चुकी है. दुनियाभर में करोड़ों लोग बीमारियों के शिकार हैं, फसलों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर हो रहा है और आम जन-जीवन में कई तरह की एलर्जी की अवधि बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद विभिन्न देशों ने इस चुनौती को लेकर लापरवाही का ही नहीं, बल्कि इसे नकारने तक की प्रवृत्ति अपनायी हुई है. संयुक्त...
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प्रदूषण के बड़े कारक-- देवेन्द्र जोशी
प्रदूषण आज किसी एक देश की नहीं बल्कि विश्वव्यापी समस्या है। दुनिया के बीस सबसे प्रदूषित शहरों में तेरह भारत में हैं। भारत में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण राजधानी दिल्ली में है। दिल्ली में सांस के रोगियों और इससे मरने के मामले सर्वाधिक हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के कारणों में एक दिवाली पर पटाखों की बिक्री पर रोक भी लगाई थी। इसका असर पड़ा तो लेकिन...
More »सस्ते आयात से दुश्चक्र में किसान-- रमेश कुमार दूबे
हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आइएफपीआरआइ) के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत पिछले साल की तुलना में तीन पायदान नीचे लुढ़क कर सौवें स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट में इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मध्यान्ह भोजन योजना में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि सस्ते आयात के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। गौरतलब है...
More »विफलता के बड़े मोर्चे-- भारत डोगरा
विश्व इतिहास में समानता और न्याय के मुद््दे सबसे महत्त्वपूर्ण रहे हैं। ये आज भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, पर इक्कीसवीं शताब्दी आते-आते कुछ ऐसे मुद््दे भी इसमें जुड़ गए हैं जो धरती पर जीवन के अस्तित्व को लेकर हैं। इनमें मुख्य हैं जलवायु बदलाव जैसे पर्यावरण के गंभीर संकट तथा महाविनाशक हथियारों से जुड़े खतरे। अब एक बड़ी चुनौती यह है कि जीवन के अस्तित्व को संकट में डालने वाले...
More »गोरखपुर हादसे से लें सबक-- वरुण गांधी
गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल में 7 से 11 अगस्त के बीच साठ बच्चे मर गये. इस झकझोर देनेवाली घटना के लिए कई बातों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. खबरों में बताया गया है कि इस अस्पताल में रोजाना इंसेफ्लाइटिलके 200-250 मरीज आ रहे हैं, जिनमें मृत्य दर 7 से 8 फीसदी है. अस्पताल और ऑक्सीजन सप्लायर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, इधर राप्ती नदी के तट...
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