SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 257

अलविदा 2018: छाया रहा सरकार और आरबीआई के बीच विवाद

आरबीआई और सरकार के बीच कई आर्थिक मुद्दों पर मतभेद 2018 के आर्थिक जगत में छाए रहे। इसका गंभीर असर 10 दिसंबर को देखने को मिला, जब गवर्नर पद से उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया और नोटबंदी के प्रबल समर्थक और पूर्व वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने कमान संभाली। केंद्र और आरबीआई में मतभेदों की शुरुआत जनवरी में हो गई जब पीएनबी घोटाला सामने आया। रिजर्व बैंक पर आऱोप लगा...

More »

सियासी दलों पर किसानों का कर्ज-- गोपालकृष्ण गांधी

मेरा यह कहना उन्हें पसंद नहीं आएगा। सच यह है कि मैं कहने की कोशिश भी करूंगा, तो वह जबरन इनकार कर देंगे। फिर भी, यदि मुझे कहने का मौका मिलेगा, तो वह मुझे टोकेंगे और कहने से रोक देंगे। लेकिन मुझे तो अपनी बात कहनी ही है। पालागुम्मि साईनाथ ने वह कर दिखाया, जो कोई दूसरा नहीं कर सका। किसी ने ऐसा करने की अभी तक कोशिश भी नहीं की...

More »

सरकार-रिजर्व बैंक की रस्साकशी - विवेक कौल

भारतीय रिजर्व बैंकऔर भारत सरकार के बीच चल रही रस्साकशी धीरे-धीरे बाहर आ रही है। सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच थोड़ा-बहुत टकराव सिस्टम के लिए अच्छा होता है। मसलन, हर सरकार यह चाहती है कि ब्याज दरें कम से कम हों क्योंकि कम ब्याज दरों पर लोग जमकर कर्ज लेंगे और इससे अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी, लेकिन सरकारें यह जरूरी बात या तो भूल जाती हैं या फिर उसकी...

More »

मुद्रास्फीति पर निगरानी की नकेल- जगदीश रतनानी

नीतिगत रेपो दर में वृद्धि के दो चक्रों के बाद, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस बार एक विराम-सा लेकर उसके द्वारा बैंकों को दिये जानेवाले अल्प अवधि के ऋणों हेतु उनसे लिये जानेवाले ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित ही छोड़ दिया. ज्ञातव्य है कि इस दर में होनेवाला कोई बदलाव एक अरसे बाद अंततः बैंक से ऋण लेनेवालों को लगनेवाली ब्याज दर में...

More »

मंदी के सबक और भविष्य के अंदेशे-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया

लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close