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जलवायु हॉटस्पॉट: गर्म होती जलवायु पहले से ही सूखे बुंदेलखंड को और झुलसा रही है

इंडियास्पेंड, 13 सितम्बर  "इस असहनीय गर्मी में भी हमें पानी के ल‍िए रोज 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।" मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की एक आदिवासी सुमिंत्रा देवी अपना दर्द साझा करते हुए कहती हैं। बुजुर्ग सुमिंत्रा देवी (65) बुन्देलखण्ड के लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत के सूखाग्रस्त गांव नई बस्ती में रहती हैं। वे एक बार में प्लास्टिक के चार ड‍िब्‍बे में लगभग 80 लीटर पानी लाती है। उनके घर में कुल...

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कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें

क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ?  इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...

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2013 के विनाशकारी बाढ़ के एक दशक बाद क्या केदारनाथ अब सुरक्षित है?

द थर्ड पोल, 10 अगस्त  उत्तर भारतीय राज्य, उत्तराखंड में, 3,500 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर केदारनाथ घाटी स्थित है। यह घाटी 2013 में एक भयानक बाढ़ आपदा झेल चुकी है। हालांकि तब से, यहां काफी कुछ बदल चुका है। यहां एक पुनर्निर्माण परियोजना पर काम चल रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य केदारनाथ के पुनर्निर्माण के साथ-साथ इस स्थान को आकर्षक और सुविधाजनक बनाने का है। यहां प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर...

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आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...

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फसल अवशेषों के अनुमान के साथ आसान हो सकेगा बायो ऊर्जा उत्पादन: रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त हाल ही मे हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि फसलों के अवशेषों से बायो ऊर्जा का उत्पादन करने की भारत की क्षमता पहले के अनुमान से कम है। यह सालाना 1313 पेटाजूल्स (PJ) (1 PJ = 277778 मेगावाट) बायोएनर्जी बनाने की क्षमता का सुझाव देता है, जो 1738 से 4150 PJ तक के पहले के अनुमान से कम है। हालांकि, अध्ययन जिले और अलग-अलग...

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