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अरावली में बगावत: कैसे भील आदिवासी राजनीति का व्याकरण बदल रहे हैं

-कारवां,  2 सितंबर 2021 को उदयपुर के एसपी कार्यालय से एक खत जिले के सभी सर्किल ऑफिसरों के नाम जारी हुआ. इस खत में 1 सितंबर 2021 के रोज राजस्थान पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग के महानिदेशक खत का हवाला देते हुए दक्षिण राजस्थान में सक्रिय राजनीतिक दल भारतीय ट्राइबल पार्टी और अन्य आदिवासी संगठनों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे.  दरअसल पिछले साल 7 सितंबर को आदिवासी युवाओं ने शिक्षक भर्ती परीक्षा...

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मुजफ्फरनगर में दस लाख किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत

-जनपथ, VOICES मुजफ्फरनगर में दस लाख किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत, 27 को भारत बंद September 5, 2021 - by जनपथ - Leave a Comment             संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस विज्ञप्ति 283वां दिन, 5 सितंबर 2021 मुजफ्फरनगर किसान मजदूर महापंचायत को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा और यह भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा: एसकेएम एसकेएम ने 27 सितंबर को भारत बंद को पूरे देश में एक बड़ी सफलता बनाने का आह्वान किया एसकेएम उन लाखों किसानों को...

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Catch the rain: रेगिस्तान में बारिश का पानी बचाने की अनोखी जुगत, मिलेगा सालभर पीने का मीठा पानी

-गांव कनेक्शन, जैसलमेर में इस वर्ष मानसून में जो नाम मात्र की बारिश हुई वो तपते रेगिस्तान में गिरकर छन्न (सूख) गई। ये इलाका ज्यादातर सूखे और दूसरी आपदाओं से घिरा रहा है इसलिए यहां गरीबी है और ज्यादातर मकान कच्चे हैं। इसलिए बारिश के पानी को भी सुरक्षित रखने के इंतजाम न के बराबर हैं। लेकिन पाकिस्तान की सीमा से सटे एक गांव में जुलाई में हुई बारिश का पानी...

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लोकल को वोकल बनाने के लिए पंचायत राज व्यवस्था भागीदारियों की स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग जरूरी

-रूरल वॉइस, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव  तहत हाल ही में  ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के पदाधिकारिों के चुनाव संपन्न हुए हैं। इन पंचायतों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की कुल संख्या 826458 है। जिसमें 75 जिला पंचायत 822 क्षेत्र पंचायत  और 58791 ग्राम पंचायत के  निर्वाचित प्रतिनिधि सदस्य  है। इन चुने हुए प्रतिनिधियों में  अधिकतर सदस्य को इन स्थानीय  संस्थानों के कामकाज में उनकी अपने अधिकार, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों...

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पाँच साल बाद भी लड़खड़ा रही ई-मंडियां, कैसे करेंगी किसान की मदद?

-इंडिया स्पेंड, मुज़फ़्फ़रनगर: केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में सारी कृषि मंडियों को इंटरनेट से जोड़कर एक संयुक्त राष्ट्रीय मंडी बनाने के उद्देश्य से ई-मंडी योजना की शुरुआत की। ई-मंडी यानी इंटरनेट पर चलने वाली इस मंडी के ज़रिए किसान देश के किसी भी राज्य में फसल का दाम जानकर कहीं के भी व्यापारी को अपनी फसल बेच सकता है। साल 2021-22 का वित्तीय बजट पेश करते वक़्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन...

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