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केवल रोजगार के आंकड़े काफी नहीं, रोजगार में गुणपूर्णता जरूरी!

बेहतर आर्थिक वृद्धि मौजूदा दौर के हर ‘राष्ट्र राज्य’ की पहली प्राथमिकता है। और इस प्राथमिकता को हासिल करने के लिए जरूरी है अर्थव्यवस्था का पहिया तेज गति से घूमे। पहिए की गति उत्पादन (प्रोडक्शन) पर निर्भर करती है। जितना अधिक उत्पादन होगा उतने ही अधिक गति से पहिया दौड़ेगा। उत्पादन मुख्यत दो कारकों पर टिका रहता है–पहला पूंजी और दूसरा मजदूर। लेकिन मशीनें आ जाने के बाद उत्पादन के मामले में...

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देश के श्रमबल में महिलाओं के साथ होने वाली ग़ैर-बराबरी की जड़ें पितृसत्ता में छिपी हैं

द वायर, 2 अक्टूबर कुछ दिनों पहले ही ऑक्सफैम की गैर-बराबरी पर रिपोर्ट (ऑक्सफैम्स इंडिया डिसक्रिमिनेशन रिपोर्ट- 2022) आई है जो श्रम बाजार में महिलाओं की गैर-बराबरी के बारे में बात कर रही है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में श्रम शक्ति में हिस्सेदारी (लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन) और वेतन/मजदूरी में महिलाएं पुरुषों की तुलना में गैर-बराबरी का सामना करती है. यह गैर-बराबरी शिक्षा में उनके बीच के अंतर से नहीं समझाई जा...

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क्या महिलाओं के सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में काम कर सकता है मनरेगा?

न्यूजलौंड्री, 12 सितम्बर राजस्थान के उदयपुर जिले के केरपुरा गांव के लोग भावना देवी या भूरी का नाम अच्छी तरह से जानते हैं. जो खुशी-खुशी अपने घर में जंग लगे लोहे के दरवाजे खोलती हैं, जिससे सूरज की रोशनी अंदर आती है तो उनके घर में रोशनी होती है. छत पर टूटे टिन शीट के साथ एक सीमेंट और ईंट की छोटी सी खोली है. भूरी 30 साल की हैं, दो बच्चों...

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न्याय को एक और ठोकरः बंधुआ मजदूरों के खिलाफ दिया फैसला, याचिकाकर्ता को ‘गिरोह चलाने वाले’ कहा

वर्कर्स यूनिटी, 8 सितम्बर सुप्रीम कोर्ट ने एक और निष्ठुरता दिखाते हुए बंधुआ मजदूरों के हक में आवाज उठाने वाले याचिकाकर्ता को खरी खोटी सुनाते हुए देश में बंधुआ मज़दूर होने की बात से ही मना कर दिया। बुधवार को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत के जज हेमंत गुप्ता ने कहा कि देश में बंधुआ मजदूर के बहाने रैकेट (गिरोह) चलाया जा रहा है और ऐसे लोग इस बंधुआ मज़दूरी जैसी बात...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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