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ताकि वे अपनी पसंद से खरीदें अनाज- कार्तिक मुरलीधरन

सस्ते दामों पर राशन का सार्वजनिक वितरण (पीडीएस) भारत की प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजना है, लेकिन यह कई जानी-पहचानी समस्याओं से घिरी है। सरकारी एजेंसियों का ही आकलन है कि पीडीएस पर सरकारी खर्च का एक बड़ा हिस्सा उचित लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता। इसके चलते, एक विकल्प सामने आया कि क्यों न इस सब्सिडी युक्त अनाज की जगह लाभार्थियों को (खाद्य पदार्थों पर खर्च करने के लिए) सीधा पैसे भेजे...

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खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई दर भी अगस्त में घटी

नयी दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 4.53 प्रतिशत पर रही है जो जुलाई में 5.09 प्रतिशत थी. वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आंकड़ें जारी किये और यह जानकारी साझा की. खुदरा महंगाई के बाद अगस्त में थोक महंगाई दर (डब्लूपीआई) भी कम हुई है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर 10 माह के निचले स्तर पर पहुंच गयी. अगस्त में खुदरा महंगाई की बात करें तो यह 3.7...

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पेट्रोल-डीजल में महंगाई की आग, पड़ेगा आपकी जेब पर असर

नयी दिल्ली /मुंबई : देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें मंगलवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गयीं. आज दिल्ली में पेट्रोल 79.31 रुपये/लीटर जबकि डीजल 71.34 रुपये/लीटर मिलेगा. वहीं , मुंबई में आज पेट्रोल 86.72 रुपये/लीटर जबकि डीजल 75.74 रुपये/लीटर की कीमत पर मिलेगा. इससे पहले सोमवार को पेट्रोल की कीमत 31 पैसे बढ़ी. वहीं, डीजल की कीमत में 44 पैसे की बढ़त हुई. सोमवार को मुंबई में पेट्रोल 86.56 रुपये प्रति...

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पीएम की बातें और देश के सवाल-- योगेन्द्र यादव

क्या लाल किले और चांदनी चौक में फासला बढ़ रहा है? पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण सुनते वक्त यह सवाल मेरे जहन में कौंध रहा था. टीवी पर विपक्षी नेता और कई एंकर शिकायत कर रहे थे कि प्रधानमंत्री का भाषण बहुत राजनीतिक है. मुझे इसकी चिंता नहीं थी. स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण राजनीतिक होता है, होना भी चाहिए. यह भाषण...

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क्रांति जिससे आजादी की राह निकली-- मृदुला मुखर्जी

‘भारत छोड़ो' (क्विट इंडिया) के नारे के साथ 1942 में ‘अगस्त क्रांति' की शुरुआत हुई थी। इस आंदोलन में हर तबके के लोगों ने हिस्सा लिया। किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौजवानों के साथ-साथ विभिन्न विचारधारा के लोगों ने इसमें शिरकत की और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वह दूसरे विश्व युद्ध का समय था और लोगों के लिए कठिन माहौल था। ब्रिटिश सरकार ने तमाम तरह के सख्त कानून थोप दिए थे...

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